तालिबान की जीत का जश्न मनाने वाले मुसलमानों को नसीरुद्दीन शाह ने दी नसीहत, कहा- ‘धर्म में सुधार..’

दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी का जश्न मना रहे “भारतीय मुसलमानों के एक वर्ग” की निंदा करते हुए इसे खतरनाक बताया है। नसीरुद्दीन शाह ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है, लेकिन भारतीय मुसलमानों के कुछ वर्गों द्वारा बर्बर लोगों का जश्न कम खतरनाक नहीं है।

71 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि जो लोग तालिबान के पुनरुत्थान की खुशी मना रहे हैं, उन्हें खुद से सवाल करना चाहिए कि क्या वे अपने धर्म में सुधार करना चाहते हैं या पुरानी बर्बरता के साथ रहना चाहते हैं। उन्होंने “हिंदुस्तानी इस्लाम” और जो दुनिया के अन्य हिस्सों में प्रचलित है, के बीच अंतर भी किया। नसीरुद्दीन शाह ने ये भी कहा कि मैं हिन्दुस्तानी मुसलमान हूं। जैसा कि मिर्जा गालिब कह गए हैं, मेरा रिश्ता अल्लाह मियां से बेहद बेतकल्लुफ है, मुझे सियासी मजहब की जरूरत नहीं। हिन्दुस्तान में इस्लाम हमेशा से दुनियाभर के इस्लाम से अलग रहा है। खुदा ऐसा वक्त ना लाए कि वह इतना बदल जाए कि उसे हम पहचान भी न सकें। देश भर में सरकारी बलों को हराने के बाद तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया, जिसने दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया।

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