मुंबई ब्लास्ट : खत्म हुआ 24 साल का इंतजार, आ गया कोर्ट का फैसला
नई दिल्ली। 1993 में मुंबई में हुए एक के बाद एक दर्जन भर बम धमाके के मामले में अबू सलेम समेत पांच दोषियों पर इस मामले में न्यायालय ने गुरुवार को 24 साल बाद फैसला सुना दिया है। मुंबई ब्लास्ट में सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में न्यायालय ने गुरुवार को फैसला सुना दिया है। इनमें दो को फांसी, दो को उम्रकैद और एक को 10 साल की सजा सुनाई गई है।
टाडा कोर्ट ने 24 साल के लंबे इंतजार के बाद फैसला सुनाते हुए करीमुल्लाह को उम्रकैद और दो लाख जुर्माना की सजा सुनाई है। साथ ही पुर्तगाल से प्रतर्यपण कर लाया गया अबू सलेम को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। ताहिर मर्चेंट और फिरोज अब्दुल राशिद खान को फांसी की सजा सुनाई गई है। साथ ही रियाज को 10 साल की सजा सुनाई गई है।
अदालत ने जून में छह आरोपियों अबू सलेम, मुस्तफा दौसा, फिरोज अब्दुल राशिद खान, ताहिर मर्चेंट, करीमुल्लाह खान और रियाज सिद्दीकी को दोषी माना था। इस बीच एक की मौत हो गई, जबकि अब्दुल कयूम को अदालत ने बरी कर दिया था। इन धमाकों में 257 लोगों की मौत हुई थी।
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गौरतलब है कि, सलेम के भारत प्रत्यर्पण के लिए भारत की तरफ से लालकृष्ण आडवाणी ने लिखित तौर पर पुर्तगाल सरकार और कोर्ट को यह आश्वासन दिया था कि वो सलेम को 25 साल से अधिक जेल में नहीं रखेंगे।
इसके अलावा भारत सरकार की तरफ से पुर्तगाल को यह आश्वासन दिया गया था कि उसे मौत की सजा भी नहीं दी जाएगी। अबू सलेम के 2005 में हुए प्रत्यर्पण के बाद से 12 से 13 साल की सजा काट चुका है।
ये था मामला
12 मार्च 1993 को मुंबई में एक के बाद एक 12 बम धमाके हुए थे। इन बम धमाकों में 257 लोगों की जान गई थी, जबकि 712 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। मुंबई ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसी की तरफ से 129 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था।