लखनऊ के जेलर को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी दोषी करार, हाईकोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने जेलर को धमकाने के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए सात साल के कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आईपीसी की धारा 506 के तहत मुख्तार अंसारी को 7 साल की सजा सुनाई और 37 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।

बता दे कि, आईपीसी की धारा 506 के तहत मुख्तार अंसारी को सुनाई 7 साल की सजा और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया, हाईकोर्ट ने आईपीसी की धारा 353 के तहत सुनाई 2 साल की सजा और लगाया 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया। वहीं आईपीसी की धारा 504 के तहत सुनाई 2 साल की सजा और 2 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया। सभी सजा साथ- साथ चलने का कोर्ट ने फैसला दिया, कुल मिलाकर 7 साल की सज़ा सुनाई गई है।

बता दे कि, 22 साल पहले 3 अप्रैल 2000 को लखनऊ के आलमबाग कोतवाली में मामला दर्ज हुआ था, अंसारी के खिलाफ जेलर एस एन द्विवेदी (S N Dwivedi) ने केस दर्ज कराया था।

हाल ही में गाजीपुर में हुई थी छापेमारी

बता दें कि हालही में गाजीपुर में मुख्तार अंसारी ( Mukhtar Ansari) के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापा मारा था। मुख्तार अंसारी के परिवार और उनके करीबियों के यहां छापेमारी की जा रही थी। जानकारी के मुताबिक, जिला मुख्यालय में तीन जगहों पर ईडी की टीम ने छापा मारा था।

वहीं मोहम्मदाबाद में भी छापे की कार्रवाई की गई थी। जिला मुख्यालय पर विक्रम अग्रहरि, खान बस सर्विस के मालिक, गणेश दत्त मिश्रा के यहां भी छापे की कार्रवाई की गई थी। उधर, दिल्ली में मुख्तार के बाई अफजाल अंसारी के घर पर भी ईडी के छापे चल रहे थे। सुबह 7 बजे के करीब तीन गाड़ियों में 8 से 10 ED के अधिकारी पहुंचे थे।

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