मुकेश अंबानी जानना चाहते हैं दुनिया के अरबपति अपने बच्चों में कैसे बाँटते हैं संपत्ति, जानें इसकी वजह

भारत और एशिया के सबसे बड़े अमीर इंसान मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) दुनियाभर के अरबपति परिवारों, वॉल्टन (Walton) परिवार से लेकर कोच (Koch) परिवार तक, सबके उत्तराधिकार मॉडल (Succession Model) का अध्ययन कर रहे हैं। मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) अपने 208 अरब डॉलर के बिज़नस एंपायर को नई पीढ़ी के हाथों में सौंपने की तैयारी में हैं। इसके लिए वह एक अच्छा और मज़बूत प्लान बना रहे हैं ताकि आगे चलकर किसी तरह का कोई विवाद न हो। ख़बरों की मानें तो अंबानी (Ambani) को वॉलमार्ट इंक (Walmart Inc) के वॉल्टन परिवार (Walton family) का मॉडल सबसे ज़्यादा पसंद आया है। वह परिवार की होल्डिंग को एक ट्रस्ट में डालना चाहते हैं, जो रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (Reliance Industries Ltd.) को कंट्रोल करेगी। इस बोर्ड में अंबानी परिवार के विश्वस्त लोग सलाहकार की भूमिका में होंगे और इस नई एंटिटी में अंबानी, उनकी पत्नी नीता अंबानी और उनके तीन बच्चों की हिस्सेदारी होगी।

रिलायंस का कारोबार

रिलायंस का कारोबार रिफ़ाइनिंग, पेट्रोकेमिकल्स से लेकर टेलिकम्युनिकेशंस, ई-कॉमर्स और ग्रीन एनर्जी तक फैला है। कंपनी का मैनेजमेंट प्रोफ़ेशनल लोगों के हाथ में होगा जो रिलायंस और इसके कारोबार को देखेंगे। अभी तक अंबानी ने कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है।

अंबानी ने रिलायंस के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर का पद छोड़ने के लिए सार्वजनिक तौर पर कोई घोषणा नहीं की है। जून में शेयरहोल्डर्स को संबोधित करते हुए अंबानी ने संकेत दिया था कि उनके बच्चे आकाश, ईशा और अनंत रिलायंस में अहम भूमिका निभाएंगे। मुकेश अंबानी और उनके भाई अनिल अंबानी के बीच हुए विवाद की वजह से हुए मुकेश अंबानी सतर्कता बरत रहे हैं।

Walton Family

वॉल्टन फ़ैमिली मॉडल
दुनिया की सबसे अमीर फ़ैमिली वॉल्टन परिवार ने 1988 से ही कंपनी के डे-टुडे के बिज़नस को मैनेजरों के हाथ सौंप दिया था और इस पर नज़र रखने के लिए एक बोर्ड बनाया था। इस बोर्ड में सैम के सबसे बड़े पुत्र रॉब वॉल्टन और उनके भतीजे Steuart Walton वॉलमार्ट शामिल हैं। 2015 में सैम के ग्रैंडसन-इन-लॉ ग्रेग पेनर को कंपनी का चेयरमैन बनाया गया था, जिसकी क़ाफ़ी आलोचना हुई थी। लोगों का ये मानना था की शेयरहोल्डर्स से ज़्यादा परिवार को तरजीह दी जा रही है। अपनी मौत से 40 साल पहले 1953 में सैम ने ही उत्तराधिकार योजना पर काम करना शुरू कर दिया था जिसके तहत उन्होंने अपने पारिवारिक बिजनस का 80 फीसदी हिस्सा अपने 4 बच्चों को दे दिया था। साल 1992 में कंपनी के फ़ाउंडर सैम वॉल्टन (Sam Walton) की मौत के बाद जिस तरह उनके बिज़नस ट्रांसफ़र को मैनेज किया गया था, वह अंबानी को अच्छा लगा है।

Mukesh Ambani (Left) & Anil Ambani (Right)

मुकेश और अनिल के बीच का विवाद
2002 में धीरू भाई अंबानी की मौत के बाद उनके दोनों बच्चों अनिल अंबानी और मुकेश अंबानी में विवाद पैदा हुआ था, उसे निपटाने के लिए खुद उनकी मां को बीच में पड़ने की जरूरत पड़ गई थी। उनकी मां कोकिला बेन ने कंपनी को दो हिस्सों में बांट कर दोनों बेटों को दे दिया। अनिल अंबानी के हिस्से में आए कम्युनिकेशन, पावर, कैपिटल का बिजनेस, जबकि मुकेश अंबानी के हिस्से में आया रिलायंस इंडस्ट्रीज का बिजनेस। दोनों भाइयों के बीच विवाद क़रीब 4 सालों तक चलता रहा था।

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