MP: कोरोना से इलजा में कारगर है प्लाज्मा थेरेपी, खुद मरीज ने बताए अपने अनुभव
मध्यप्रदेश। कोरोना वायरस के लिए पूरी दुनिया में वैक्सीन चैयार करने की कोशिश जारी है. अबतक कोई सफलता नहीं मिली है लेकिन एक थेरेपी कहा जा रहा है कि इसके इलाज में कारगर हो सकती है. वो है प्लाजमा थेरेपी. लेकिन इस थेरेपी पर अभी भी देश में काम चल रहा है. इस पर पूरी तरह से निरभर नहीं हुआ जा सकता है. कुछ राज्य अभी भी इसका परीक्षण कर रहे हैं. डॉक्टरों का मानना है कि अगर यह पूरी तरह सफल हो जाता है तो इससे कोरोना वायरस के इलाज में बड़ी मदद मिलेगी.
वहीं, मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में कोरोना वायरस से ठीक होकर अपना प्लाज्मा दान करने वाले एक डॉक्टर और प्लाज्मा लेने वाले मरीज ने कोरोना वायरस और प्लाज्मा थेरेपी को लेकर अपने अनुभव साझा किए।
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प्लाज्मा थेरेपी लेने वाले कपिल देव भल्ला ने बताया, ‘मुझे अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां कोरोना वायरस के इलाज के दौरान मेरी छाती में संकुलन (कंजेशन) कई प्रयासों के बावजूद भी ठीक नहीं हो रहा था। 26 अप्रैल को, मुझे डॉ रवि दोशी ने बताया कि वे मुझ पर प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग करने की योजना बना रहे हैं।’
भल्ला ने बताया, ‘मैंने उन्हें इसकी अनुमति दे दी और तीन दिन के भीतर उसने मेरे शरीर पर काम करना शुरू कर दिया। मुझे डॉ इकबाल कुरैशी नाम के एक डॉक्टर से प्लाज्मा मिला था, जो कोरोना वायरस से ठीक हुए थे।’
उन्होंने आगे बताया, ‘मेरी छाती में जो संकुलन था, वह पहले बेहद धीमी प्रक्रिया में ठीक हो रहा था लेकिन प्लाज्मा मिलने के तीन दिनों के भीतर ही वह पूरी तरह ठीक हो गया। मुझे ऑक्सीजन देना बंद कर दिया गया और छह मई को मुझे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।’
भल्ला ने बताया, ‘मैंने पहले ही अरबिंदो अस्पताल के डॉक्टरों को बता दिया है कि जब भी वे चाहें मैं प्लाज्मा दान करने के लिए तैयार हूं।’
प्लाज्मा दान करने वाले डॉ इकबाल कुरैशी ने एएनआई को बताया, ‘मुझे कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद और घर पर 14 दिन क्वारंटीन में रहने के बाद, मुझे अरबिंदो मेडिकल कॉलेज, इंदौर से फोन आया। उन्होंने मुझसे प्लाज्मा दान करने की गुजारिश की, जिसके लिए मैंने तुरंत हामी भर दी।’
उन्होंने बताया, ‘मेरे शरीर से 400 मिली प्लाज्मा लिया गया, जिससे दो मरीजों को लाभ पहुंचा। इस तरह, मैं कोरोना वायरस से ठीक हो चुके उन सभी लोगों से आग्रह करता हूं कि वे प्लाज्मा दान करें ताकि बीमार लोगों की मदद की जा सके।’
वहीं, महाराजा यशवंतराव होल्कर अस्पताल के अधीक्षक डॉ पीएस ठाकुर ने प्लाज्मा थेरेपी को लेकर उत्साहित होने पर लोगों को चेताया है। उन्होंने कहा, ‘सभी लोगों को अपने दिमाग में यह बात बैठा लेनी चाहिए कि प्लाज्मा थेरेपी अभी परीक्षण अवधि में है। हालांकि, यदि परीक्षण सफल रहा है, तो निश्चित रूप से हमें कोरोना वायरस रोगियों के इलाज के लिए एक नई दवा मिलेगी।’