मथुरा डबल मर्डर: ग्राम प्रधान पर सगे भाइयों की हत्या का आरोप, ग्रामीणों का उग्र प्रदर्शन, गांव में भारी पुलिस बल तैनात

मथुरा जिले के फरह थाना क्षेत्र के पीलुआ सादिकपुर, नगला बंजारा में 18 मई 2025 की रात सगे भाइयों तिलक सिंह (35) और विनोद सिंह (33) की लाठी-डंडों और सरियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।

इस क्रूर घटना से गांव में आक्रोश और शोक का माहौल है। 36 घंटे बाद, 20 मई को दोनों भाइयों का अंतिम संस्कार हुआ, जिसके दौरान ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा। गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया, जिसमें फरह, रिफाइनरी, और यमुनापार थानों की पुलिस के साथ पीएसी का एक प्लाटून तैनात किया गया।

घटना का विवरण: गोवर्धन की छोटी परिक्रमा में रहने वाले बच्चन सिंह के बेटे तिलक और विनोद रविवार रात अपने पैतृक गांव नगला बंजारा आए थे। उनके घर में बिजली की समस्या थी, जिसके लिए तिलक ने ग्राम प्रधान ताराचंद को फोन कर लाइनमैन भेजने को कहा। इस पर ताराचंद से उनकी तीखी बहस हुई, और आरोप है कि उसने दोनों को जान से मारने की धमकी दी। डरकर दोनों भाई बाइक से गोवर्धन लौटने लगे, लेकिन धर्मपुरा गांव के नहर के पास ताराचंद और उनके साथियों—संजू, विष्णु, रवि, और पिल्कू—ने उन्हें घेर लिया। हमलावरों ने दोनों को इतनी बेरहमी से पीटा कि तिलक की मौके पर ही मौत हो गई, और विनोद ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

पुलिस और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया: शुरुआत में पुलिस ने इसे बाइक दुर्घटना माना, क्योंकि डायल 112 पर एक बंद नंबर से दुर्घटना की सूचना दी गई थी। लेकिन बच्चन सिंह की शिकायत पर ताराचंद और उनके साथियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा (BNS धारा 302) दर्ज किया गया। मंगलवार को परिजनों और ग्रामीणों ने हत्यारोपियों की गिरफ्तारी तक अंतिम संस्कार से इनकार कर हंगामा किया। सीओ रिफाइनरी श्वेता वर्मा और एसडीएम सदर निशा ग्रेवाल ने चार दिन में गिरफ्तारी का आश्वासन दिया, जिसके बाद तिलक को उनके बेटे आरव और विनोद को उनके भतीजे पीयूष ने मुखाग्नि दी।

आरोप और विवाद: बच्चन सिंह ने चौकी प्रभारी पर ताराचंद के साथ साठगांठ का आरोप लगाया, दावा किया कि पुलिस ने दुर्घटना की तहरीर देने का दबाव बनाया। तिलक की चाची ने बताया कि पांच साल पहले भी गांव में एक हत्या को दुर्घटना दिखाकर दबा दिया गया था। लख्खी शाह क्रांतिकारी पार्टी के मनोज राजपूत ने एक सप्ताह में गिरफ्तारी न होने पर डीएम कार्यालय पर धरने की चेतावनी दी। ग्रामीणों का मानना है कि हत्या का कारण बिजली विवाद के साथ-साथ पंचायत चुनाव की रंजिश थी, क्योंकि तिलक के दीवाली बैनर से ताराचंद को उनके राजनीतिक इरादों का शक हुआ था।

प्रशासनिक कार्रवाई: एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि हमलावरों की लोकेशन मिल गई है, और जल्द गिरफ्तारी होगी। एसडीएम ने मृतक की पत्नी गुलाबो को न्याय और आर्थिक मदद का वादा किया। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस बल बढ़ाया गया, और हंगामा तीन घंटे तक चला, जिसमें पांच बार अंतिम संस्कार की प्रक्रिया रुकी।

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