आईपीएस पूरन कुमार की आत्महत्या पर मायावती का तीखा प्रहार: ‘जातिवाद का दंश रोकने में सरकार नाकाम

हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस घटना ने दलित और बहुजन समाज में गुस्से की लहर दौड़ा दी है, और विभिन्न दलित संगठनों ने चंडीगढ़ जाम करने की चेतावनी जारी की है।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने इसे जातिवादी शोषण और प्रताड़ना का परिणाम बताते हुए कहा कि यह एक सभ्य सरकार के लिए बेहद शर्मनाक है।

मायावती ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि आईजी रैंक के पूरन कुमार, जिनकी पत्नी भी हरियाणा की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, ने जातिवादी शोषण और प्रताड़ना के कारण आत्महत्या की है। उन्होंने इस घटना को अति-दुखद और अति-गंभीर बताते हुए कहा कि इससे दलित और बहुजन समाज के लोग बेहद उद्वेलित हैं। मायावती ने जोर देकर कहा कि लाख दावों के बावजूद जातिवाद का दंश, खासकर शासन-प्रशासन में, कितना हावी है और सरकारें इसे रोक पाने में पूरी तरह विफल साबित हो रही हैं। उन्होंने इसे सरकार की नीयत और नीति की कमी का परिणाम बताया।

वाई. पूरन कुमार, 2001 बैच के हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी, ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के अपने आवास पर खुद को गोली मार ली थी। उनकी पत्नी अमनीत पी. कुमार, जो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, उस समय जापान में हरियाणा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ थीं। पूरन ने अपनी नौ पेज की सुसाइड नोट में 12 अधिकारियों—जिनमें वर्तमान और पूर्व डीजीपी, आईएएस अधिकारी शामिल हैं—पर जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार के आरोप लगाए थे। नोट में उन्होंने 2020 से चली आ रही घटनाओं का जिक्र किया, जैसे मंदिर दर्शन पर उत्पीड़न, अवैध प्रमोशन, गलत आवंटन और पिता के अंतिम दर्शन न कर पाने जैसी पीड़ा। उन्होंने वसीयत भी लिखी, जिसमें सारी संपत्ति पत्नी को सौंपी।

मायावती ने मांग की है कि पूरे मामले की समयबद्ध, स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सख्त सजा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। उन्होंने हरियाणा सरकार से अपील की कि इस घटना को पूरी संवेदनशीलता और गंभीरता से लिया जाए, लीपापोती या खानापूर्ति न हो। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार से भी उचित संज्ञान लेने की अपील की।

मायावती ने उन लोगों को चेतावनी दी, जो एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को आर्थिक स्थिति से जोड़कर क्रीमी लेयर की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि धन और पद प्राप्त करने के बाद भी जातिवाद का पीछा नहीं छूटता, और हर स्तर पर शोषण, अत्याचार और उत्पीड़न जारी रहता है। हरियाणा की यह घटना इसका ताजा उदाहरण है।

चंडीगढ़ पुलिस ने पत्नी की शिकायत पर डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर, रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया समेत कई अधिकारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। अमनीत ने एफआईआर में सुधार की मांग भी की है, ताकि सभी आरोपी नाम स्पष्ट हों। जांच जारी है, और पुलिस आगे की कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रही है।

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