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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव और 2019 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत का परचम एक बार फिर लहराना चाहते हैं। शायद इसी वजह से ही केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल का दौर शुरू हो चुका है और इसी क्रम में आगामी दो सितंबर को पीएम मोदी अपनी कैबिनेट में अहम बदलाव कर सकते हैं। इस फेरबदल को लेकर सरकार और संगठन के स्तर पर माथापच्ची जारी है।
कैबिनेट में फेरबदल को लेकर ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के घर केंद्रीय मंत्रियों का आना जाना लगा हुआ है। शाह के घर हाजरी लगाने वालों में 8 केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। इन केंद्रीय मंत्रियों में मनोहर पर्रिकर के गोवा के मुख्यमंत्री बनने के बाद से रक्षा मंत्री का प्रभार संभाल रहे अरुण जेटली भी शामिल थे। केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल के कयास को जेटली के बयान ने भी काफी हवा दे दी है। जेटली के मुताबिक उन्हें ऐसी उम्मीद है कि वे बहुत ज्यादा दिनों तक रक्षा और वित्त दोनों मंत्रालय का प्रभार नहीं सभाल पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि इस बात का फैसला उन्हें नहीं करना है।
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खबर के मुताबिक देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदेशी दौरे से लौटने के बाद ही यह फेरबदल संभव है ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कैबिनेट में फेरबदल दो सितंबर को ही हो सकता है क्योंकि तीन से पांच सितंबर तक नरेंद्र मोदी ब्रिक्स समिट में शामिल होने के लिए चीन में रहेंगे।
एक ओर जहां कई मंत्रियों के विभागों के मंत्रालयों में फेरबदल किया जा सकता है वहीं इसके साथ-साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को लेकर भी अफवाहों का बाजार गरम है। अमित शाह को लेकर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि 2019 आम चुनाव से पहले वे भी सरकार में शामिल हो सकते हैं।
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वहीं शाह ने जिन मंत्रियों से मुलाकात की है उनमें केंद्रीय वित्त मंत्री एवं गुजरात चुनाव प्रभारी अरूण जेटली के अलावा केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, निर्मला सीतारमण, पी पी चौधरी और जितेंद्र सिंह शामिल हैं । इस फेरबदल में रक्षा मंत्रालय के साथ साथ रेल मंत्रालय में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। गौरतलब है कि हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाओं के बाद वर्तमान रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस्तीफे की पेशकश की थी। लेकिन पीएम मोदी ने उन्हें इंतजार करने को कहा था। वहीं इसके अलावा भी कई अहम बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं।