छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जांच की आंच में फंसे कई प्रोफेसर

(अमर सदाना)

छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के नाम पर फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर उनका हक छीनने वालों पर कार्रवाई की दरकार थी, लेकिन यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया है। रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में इस मामले में कुछ कर्मचारी और शिक्षक जांच के दायरे में हैं और उन्होंने अभी तक अपनी जाति को लेकर पुख्ता प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किए हैं।

छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारी-अधिकारी बर्खास्त किए जाएंगे। इसे लेकर राज्य सरकार की सक्रियता के बाद पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने भी कवायद तेज कर दी है। मामले में कुलसचिव ने कई प्रोफेसर, कर्मचारी और अधिकारी को नोटिस थमा दिया गया है। इनमें प्रमुख रूप से बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर डा. एसके जाधव, अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डा. आर के ब्रम्हें, भौतिकी विभाग की प्रोफेसर डॉ. नमिता ब्रम्हे ,इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर सुशील इंदुलकर समेत अन्य 30 अधिकारी, प्राध्यापक और कर्मचारियों को नोटिस दिया गया है।

उक्त संबंध में बता दें की कि पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में अनेकों अधिकारी कर्मचारी की जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाई गई थी। इसमें से छत्तीसगढ़ के कुछ कर्मचारियों की जाति सत्यापन हेतु उनके जिले में सत्यापन हेतु भेजा गया था। उच्च अधिकारी सहायक प्राध्यापक एवं प्राध्यापक एवं छत्तीसगढ़ से बाहर से नौकरी कर रहे कर्मचारी अधिकारी के जाति प्रमाण पत्र के सत्यापन के संबंध में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं कुलपति द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं किया गया है, और ना ही इनके खिलाफ कोई नोटिस जारी की गई है। छत्तीसगढ़ के शासन प्रशासन द्वारा छोटे कर्मचारियों के ऊपर की कार्यवाही की जाती है। उच्च अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाति इससे तो यह स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ शासन इस संदर्भ में कोई कार्यवाही नहीं करना चाहती। इन बड़े उच्च अधिकारी के ऊपर कार्यवाही नहीं करना छत्तीसगढ़ शासन को संदेह के दायरे में रखती है। छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर एवं छत्तीसगढ़ से बाहर के अधिकारी कर्मचारी द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले कर्मचारी को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए, और छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासी को पहले प्राथमिकता देनी चाहिए।

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