महात्मा गांधी हत्याकांड : सुप्रीम कोर्ट में बड़ा खुलासा, गोडसे की चौथी गोली से उठ गया पर्दा

महात्मा गांधी की हत्यानई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या मामले की फिर से जांच कराने के मामले में बड़ा फैसला लिया है। अब दोबारा जांच पर उच्चतम न्यायालय का रुख साफ हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी जरूरी कागजातों की जांच करने वाले वकील अमरेंद्र सरन ने बताया कि बापू की हत्या करने में नाथूराम गोडसे के अलावा किसी और के होने के सबूत नहीं मिले हैं। उन्होंने कोर्ट में यह जानकारी दी है।

पंकज फडनीस की एक थ्योरी थी कि गांधी की हत्या चार गोलियां मार कर हुई थी।  लेकिन उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि जिस चौथी गोली लगने की बात होती है उसका भी कोई सबूत नहीं है।

आपको बता दें कि, सु्प्रीम कोर्ट ने इस मामले में पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और सीनियर वकील अमरेन्द्र शरण को न्याय मित्र नियुक्त किया था।

इस याचिका में गांधी हत्याकांड में ‘तीन गोली की कहानी’ पर प्रश्न चिह्न लगाने के साथ यह सवाल भी उठाया गया था कि क्या नाथूराम गोडसे के अलावा किसी अन्य व्यक्ति ने चौथी बुलेट भी दागी थी?

इस हत्याकांड में अदालत ने 10 फरवरी, 1949 को गोडसे और आप्टे को मौत की सजा सुनाई थी। वहीं विनायक दामोदर सावरकर को साक्ष्यों की कमी के कारण संदेह का लाभ दे दिया गया था।

पूर्वी पंजाब हाई कोर्ट द्वारा 21 जून, 1949 को गोडसे और आप्टे की मौत की सजा की पुष्टि के बाद दोनों को 15 नवंबर, 1949 को अंबाला जेल में फांसी दे दी गयी थी।

क्या महात्मा गांधी का कोई दूसरा हत्यारा भी था? वैसे पुलिस तो इस कहानी पर भरोसा करती है कि गांधी पर तीन गोलियां चलाई गई थीं, लेकिन क्या चौथी गोली भी थी जिसे नाथूराम गोडसे के अलावा किसी और ने चलाया था? ऐसे कई सवालों को लेकर उच्चतम न्यायालय में दायर एक याचिका पर 6 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी।

पूरी वारदात का जिक्र, उर्दू में दर्ज एफआईआर में

दिल्ली के बिड़ला हाउस में 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या हुई थी। बापू की हत्या की एफआईआर उसी दिन यानी 30 जनवरी को दिल्ली के तुगलक रोड थाने में दर्ज की गई थी। एफआईआर उर्दू में लिखी गई थी, जिसमें पूरी वारदात के बारे में बताया गया था।

दिल्ली के तुगलक रोड के रिकॉर्ड रूम में आज भी वो एफआईआर संभाल कर रखी गई है, एफआईआर को बाकायदा लेमिनेशन करवा कर रखा गया है, अगर भविष्य में कभी भी महात्मा गांधी की हत्या का के खुलता है तो इसी एफआईआर के आधार पर जांच शुरू होगी।

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