महाशिवरात्रि के दिन राशि के अनुसार करें रुद्राभिषेक

महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 13 फरवरी की आधी रात से शुरू होकर 14 फरवरी तक रहेगा. इस दिन भगवान शिव का पूजन सुबह 7.30 से लेकर दोपहर 3.20 तक किया जाएगा. रात्रि के समय भगवान शिव का पूजन एक से चार बार किया जाएगा, यह बात भक्तों पर निर्भर करती है. पारपंरिक रूप से पूजा करने के उपरांत अगली सुबह स्नान के बाद व्रत खत्म हो जाएगा. इस दिन रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है. अगर रुद्राभिषेक अपनी राशि के अनुसार किया जाए तो इसके ज्‍यादा फायदे मिलते हैं. यह दोष दूर करने के साथ पुण्‍य दिलाने वाला माना जाता है.

रुद्राभिषेक

रुद्राभिषेक का अर्थ

रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक. भगवान शिव को रुद्र कहा गया है और उनका रूप शिवलिंग में देखा जाता है तो इसका अर्थ हुआ शिवलिंग पर रुद्र के मंत्रों के द्वारा अभिषेक करना. अभिषेक के कई रूप हैं. शिव जी को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा तरीका रुद्राभिषेक है.

राशि के अनुसार रुद्राभिषेक

मेष- शहद और गन्ने का रस

वृष- दुग्ध ,दही

मिथुन- कुशोदक, शरबत या मीठे गन्ने के रस से

कर्क- दुग्ध, शहद

सिंह- शहद, गन्ने के रस से

कन्या- कुशोदक, दही

तुला- दुग्ध, कुशोदक

वृश्चिक- गन्ने का रस, शहद, दुग्ध

धनु- दुग्ध, शहद

मकर- कुशोदक, गंगा जल में गुड़ डाल के मीठे रस से

कुंभ- कुशोदक, दही

मीन- दुग्ध, शहद, गन्ने का रस

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