लखनऊ विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस पर काव्य प्रतियोगिता ‘काव्यम’ का हुआ आयोजन

हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में 14 सितंबर 2022 को लखनऊ विश्वविद्यालय के व्यापार प्रशासन विभाग में एक ‘काव्य प्रतियोगिता’-‘काव्यम’ का सफ़लता पूर्वक आयोजन हुआ। प्रबंधन एक कला और विज्ञान के रूप में माना गया है। यह अनुभवात्मक शिक्षा है जो व्यक्तित्व के समग्र विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसी भावना के साथ व्यापार प्रशासन विभाग में हिन्दी दिवस पर इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया।
प्रबंधन अनुभव का कार्य जिसमें नियोजन, आयोजन, समन्वय, नियंत्रण और संचार शामिल हैं। जो सर्वागीण विकास के रूप में पहचान प्रदान करवाता है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के व्यावहारिक अर्थशास्त्र की प्रोफेसर डॉ मधुरिमा लाल रही जिनका साथ व्यापार प्रशासन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संगीता साहू ने दिया। प्रतियोगिता में विजेताओं के चुनाव के लिए जज के तौर पर व्यापार प्रशासन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ निशांत कुमार व व्यावहारिक अर्थशास्त्र की प्रोफेसर डॉ मधुरिमा लाल थे। कार्यक्रम का शुभारंभ लखनऊ विश्वविद्यालय के व्यापार प्रशासन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संगीता साहू व व्यावहारिक अर्थशास्त्र की प्रोफेसर डॉ मधुरिमा लाल ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। डॉ मधुरिमा ने हिंदी भाषा के विषय में मौजूदा युवा पीढ़ी के दृष्टिकोण पर चिंता व्यक्त की कि किस तरह हिन्दी भाषा को पाश्चात्य अँग्रेजी भाषा ने अधिग्रहित कर के रखा हुआ है। साथ ही हिन्दी को ज्यादा से ज्यादा प्राचार-प्रसार की जरूरत है, यह भाषा जनमानस व स्वतंत्र भारत की लोकप्रिय भाषा है जो कि स्वतंत्रता की भाषा के रूप में भी स्थापित है। काव्य प्रतियोगिता में लखनऊ विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों वाणिज्य ,कला, विज्ञान, प्रबंधन के छात्र-छात्राओं ने उत्साह व रुचि के साथ भाग लिया।

कार्यक्रम के प्रथम विजेता दिव्यांशु मिश्रा जो प्रबंधन तृतीय सेमेस्टर के छात्र है व द्वितीय पुरूस्कार उत्कर्ष वाजपेयी कला संकाय के प्रथम वर्ष के छात्र रहे। अन्य सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र सौंपा गया। इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन का उद्देश्य छात्रों की बहुमुखी प्रतिभा को उभारना, नवाचारों से प्रेरित सोच विकसित करना था।

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