सफेद दाग की अचूक दवा, देश में बनी पर विदेशों में है जबरदस्त डिमांड

नई दिल्ली। शरीर के किसी भी अंग में त्वचा पर सफेद धब्बे होना, जिन्हें आम बोलचाल में सफेद दाग कहा जाता है। पूरे विश्व में एक से दो प्रतिशत लोग इस रोग से प्रभावित हैं जबकि भारत में इसके 3 से 4 प्रतिशत लोग पीड़ित हैं। इस रोग से प्रभावित लोग ज्यादातर हताशा से भरे रहते हैं। हमारे देश में इस बीमारी से बचने के लिए वैसे तो कई दवा मिलती है, लेकिन एक दवा ऐसी है जिसका विदेशों में भी जादू चल रहा है।

सफेद दाग

दरअसल, शरीर के किसी हिस्से में त्वचा के सफेद पडऩे को सफेद दाग, विटिलिगो या ल्यूकोडर्मा कहते हैं। आमतौर पर इसे गंभीर बीमारी नहीं माना जाता है क्योंकि इससे कोई नुकसान नहीं होता है।

इस रोग को दूर करने के लिए एक चमत्कारिक दवा ईजाद की है। इसका नाम ल्यूकोस्किन है।

ख़बरों के मुताबिक, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा सफेद दाग मिटाने के लिए बनाई गई दवा ल्यूकोस्किन का असर विदेशों में भी दिख रहा है। पिछले दिनों आयुष मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय आयुष मेले में इस दवा को प्रदर्शित किया था।

ये दवा पूरी तरह आयुर्वेद पर आधारित है ल्यूकोस्किन डीआरडीओ ने कुछ वर्ष पहले ही इस दवा को आयुर्वेदिक फॉर्मूले के आधार पर तैयार किया था। दवा को बाजार में उतारने की जिम्मेदारी एमिल फार्मास्युटिकल को दी गई थी।

डीआरडीओ इस दवा को लेकर लगातार शोध में जुटा हुआ है। संगठन इस दवा का नया संस्करण लाने की तैयारियों में भी है।

 

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