जीएसटी को वापस लेने की मांग के साथ वामपंथी दलों ने किया धरना-प्रदर्शन

वामपंथी दलों के नेताओंहैदराबाद। वामपंथी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शनिवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की यहां हो रही बैठक के दौरान बैठक-स्थल तक रैली निकालने की कोशिश करते हुए धरना-प्रदर्शन किया और जीएसटी को वापस लेने की मांग की।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के केंद्रीय सचिवालय के सदस्य के. नारायणा तथा सीपीआई और सीपीआई (मार्क्‍सवादी) के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

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पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हैदराबाद इंटरनेशनल कंवेशन सेंटर (एचआईसीसी) की तरफ मार्च करने से रोक दिया, जहां जीएसटी परिषद की 21वीं बैठक चल रही है।

दोनों पक्षों के बीच गरमागरमी के कारण शहर के उच्च सुरक्षा वाले सूचना प्रौद्योगिकी हब हाइटेक सिटी में तनाव देखा गया।

पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को जबरदस्ती वाहनों में भरकर वहां से हटाया।

नारायणा ने कहा कि वे वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलकर जीएसटी के कारण विभिन्न क्षेत्रों को हो रही परेशानियों को लेकर एक ज्ञापन सौंपना चाहते हैं।

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सीपीआई नेता ने दावा किया कि 28 फीसदी के जीएसटी स्लैब से उद्योगों को काफी नुकसान हुआ है और कई इकाइयां बंद हो गई है, जिससे लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं।

केंद्र सरकार से नई अप्रत्यक्ष कर शासन की समीक्षा की मांग करते हुए नारायणा ने कहा कि अगर सरकार जीएसटी को वापस नहीं लेती है तो देश भर में विरोध-प्रदर्शन किए जाएंगे।

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