प्रदर्शन कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों पर लाठीचार्ज, कई घायल

आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियोंलखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले 32 घंटों से आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और सहायिकाएं राज्य कर्मचारी घोषित करने की मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहीं है। जिनको हटाने के लिए मंगलवार दोपहर में पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान हजारों की संख्या में महिलाएं वहां मौजूद रहीं। इस लाठीचार्ज में कुछ कार्यकर्त्रियां घायल भी हो गईं।

लाठीचार्ज से आक्रोशित कार्यकत्रियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पथराव से वहां भगदड़ मच गई। भगदड़ से कई महिलाए चोटिल और बेहोश भी हो गईं। जिन्हें पुलिस ने सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है।

प्रदर्शन के चलते शहर की यातायात व्यवस्था चरमरा गई थी। प्रदर्शन को बढ़ता देख प्रशासन के आलाधिकारी मौके पर पहुंए गए थे। काफी समझाने के बाद भी कार्यकत्रियां नहीं मानी तो वाटर केनन और लाठी फटकार से शाम करीब पांच बजे सभी महिलाओं को वहां से हटा दिया गया था।

बता दें सभी कार्यकत्रियां ‘आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन’ के बैनर तले आज फिर एकजुट हुईं हैं। संगठन की प्रदेश अध्यक्ष गीतांजलि मौर्या के मुताबिक, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां और सहायिकाएं काफी दिनों से अपनी मांगों को लेकर वेतन संघर्षरत हैं। फिर भी किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

उन्होंने कहा कि कार्यकत्रियों को कम से कम 18 हजार और सहायिकाओं को 9 हजार रुपए मानदेय दिया जाए। मौर्या ने कहा कि बिहार की तर्ज पर कार्यकत्रियों और मातृ समिति के खातों में पोषाहार का धन भेजा जाए। जिससे पौष्टिक खाद्य सामग्री का वितरण किया जा सके।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं का मानदेय रुका है उनका भुगतान जल्द से जल्द करवाया जाए।

बता दें बीती देर रात प्रशासन ने संगठन की अध्यक्ष गीतांजलि मौर्य और अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गिरफ्तार सभी आंगनबाड़ी नेताओं पर 106 और 116 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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