दुनिया की एकलौती जगह, जहां साथ नहीं जा सकते भाई-बहन, वजह रहस्यमयी

किसी भी मीनार में जाने के लिए कोई रोक नहीं होती. लेकिन एक ऐसी मीनार है, जहां भाई-बहन साथ नहीं जा सकते है. ये मीनार उत्तर प्रदेश के जालौन में है.

मीनार

ये मीनार 210 मीटर लंबी है. यह मीनार देशभर में स्थित सबसे ऊंची मीनारों में शामिल है. यहां नाग पंचमी पर मेले का आयोजन होता है और समय-समय पर दंगल भी कराया जाता है. इस मीनार का नाम लंका मीनार है. इस मीनार की विशेषता यह है कि इसमें भाई-बहन एक साथ नहीं जा सकते.

इस मीनार को बनाने में उड़द की दाल, कौड़ियों, शंख, सीप का प्रयोग किया गया है. इसकी चोटी तक पहुंचने के लिए घुमावदार रास्ते से जाया जाता है. इसी रास्ते की वजह से भाई-बहन एक साथ नहीं जा सकते.

इसके निर्माण क्षेत्र में 100 फीट के कुंभकर्ण और 65 फीट ऊंचे मेघनाथ की प्रतिमाएं लगी हैं. मीनार के सामने भगवान चित्रगुप्त और भगवान शंकर की मूर्तियां लगी हैं.

लंका मीनार के क्षेत्र में भगवान शिव का एक मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण इस तरह कराया गया है कि रावण अपनी लंका से भगवान शिव के 24 घंटे दर्शन कर सकता है. परिसर में 180 फीट लंबे नाग देवता और 95 फीट लंबी नागिन द्वार पर बैठी हैं. इन्हें मीनार के रक्षक के तौर पर बनाया गया है.

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इस मीनार पर रावण के साथ उसके पूरे परिवार का चित्रण मिलता है.

अपने क्षेत्र में रामलीला का आयोजन मथुरा प्रसाद निगम ने इस मीनार का निर्माण कराया था. इसके निर्माण में लगभग 20 साल का समय लगा.

सात फेरे केवल पति-पत्नी ही साथ में ले सकते. इस मीनार की छत तक पहुंचने के लिए जो घुमावदार रास्ता है, वह साफ फेरे पूरे करता है. इस कारण इस मीनार की छत तक पति-पत्नी और प्रेमी-प्रेमिका तो साथ जा सकते हैं. लेकिन भाई-बहन नहीं.

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