चारा घोटाले के बाद बिरसा मुंडा जेल में ‘गुल’ खिलाएंगे लालू

लालू की पहचानपटना: बिहार की राजनीति में लालू भले ही एक बड़े नेता की हैसियत रखते हों लेकिन लालू की पहचान अब जेल में माली के तौर पर होगी. लालू प्रसाद यादव को रांची की बिरसा मुंडा जेल में फूलों की बगिया संभालने की जिम्मेदारी दी गई है. लालू यादव जेल में कैदी के रूप में जेल में जो भी काम करेंगे उसके एवज में उनको मेहनताने के रूप में रोजाना 93 रुपये दिया जायेगा।

लालू प्रसाद यादव को शनिवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये के गबन के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420, 467, 471एवं 477ए के तहत साढ़े तीन साल कैद एवं पांच लाख रपये जुर्माने की सजा सुनाई है, जिसके बाद से लालू प्रसाद रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।

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लालू को 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले में दूसरी बार आपराधिक षड्यंत्र एवं भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत सजा सुनाई गई है। इससे पहले चारा घोटाले के ही चाईबासा कोषागार से जुड़े एक मामले में उन्हें तीन अक्टूबर, 2013 को भी इन्हीं धाराओं के तहत पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं 25 लाख रपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।

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सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालू को अगर तीन साल की सजा दी होती तो उन्हें विशेष अदालत से ही जमानत मिल सकती थी।  लेकिन सजा तीन साल से अधिक होने के कारण लालू यादव के सामने अब सिर्फ हाई कोर्ट जाने का ही रास्ता बचा है।

लालू ने जेल से मोदी पर साधा निशाना

लालू प्रसाद यादव  ने ट्विटर के माध्यम से मोदी सरकार पर हमला भी बोला है, लालू के ट्विटर हैंडल से एक खत पोस्ट किया गया। जिसमें लिखा है कि मैंने तानाशाही सत्ता का साथ नहीं दिया इसलिए मेरे पीछे जहरीली ताकतों को लगाया गया और मुझे इसकी सजा मिल रही है।

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