द क्विंट पर आयकर ‘सर्वे’, एडिटर्स गिल्ड ने की निंदा

नई दिल्ली| आयकर अधिकारियों ने गुरुवार को कथित कर चोरी को लेकर न्यूज पोर्टल द क्विंट के प्रमुख राघव बहल के आवास और कार्यालय परिसरों का ‘सर्वे’ किया। अधिकारियों के मुताबिक, एक टीम मामले से संबंधित जारी जांच के लिए सबूतों और दस्तावेजों की तलाश में उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित बहल के आवास पर पहुंची। बहल नेटवर्क 18टीवी के पूर्व प्रमुख रहे चुके हैं।

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एक वरिष्ठ कर अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि कुछ विशेष कंपनियों की बिक्री से अर्जित फर्जी दीर्घकालिक पूंजी लाभ के मुद्दे पर तीन अन्य लोगों के परिसरों का भी सर्वे किया गया।

अधिकारी ने कहा, “मामला करीब 100 करोड़ रुपये का है। हम मामले को विशेष रूप से कर चोरी कोण से देख रहे हैं।”

संपादकों की संस्था एडिटर्स गिल्ड ने सरकार की कार्रवाई को लेकर चिंता जताई और कहा कि ‘आयकर के प्रायोजित सर्वे और खोजबीन’ मीडिया की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचाएंगे।

गिल्ड ने इस बात का संज्ञान लिया कि बहल को अधिकारियों को चेतावनी देनी पड़ी कि अगर उन्होंने कर मुद्दे के अलावा किसी और चीज को छूने का प्रयास किया तो उन्हें अत्यंत कदमों का सहारा लेना पड़ेगा।

कर अधिकारियों ने कहा कि जिन तीन अन्य लोगों के परिसरों आयकर सर्वे के दायरे में आए हैं, उनमें कमल लालवानी, अनूप जैन और अभिमन्यु चतुर्वेदी शामिल हैं।

एडिटर्स गिल्ड को लिखे एक नोट में बहल ने कहा कि द क्विंट पूर्ण रूप से एक कर अनुपालन इकाई है और वह सभी उचित वित्तीय दस्तावेज तक पहुंच मुहैया कराएंगे।

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एडिटर्स गिल्ड ने एक बयान में कहा कि कर विभाग को जांच करने का पूरा हक है लेकिन उसे अपनी शक्तियों का इस्तेमाल इस तरीके से नहीं करना चाहिए जिससे वह सरकार की आलोचना करने वालों को दी गई धमकी जैसा दिखे।

बयान में कहा गया, “गिल्ड को लगता है कि प्रायोजित आयकर छापे मीडिया की स्वतंत्रता को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाएंगे और सरकार को इस तरह के प्रयास बंद कर देने चाहिए।”

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