कल से शुरू हो रहा खरमास, फरवरी से पहले नहीं बजेगी शहनाई, ना होंगे मांगलिक कार्य

खरमास शुरूइन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है. हर तरफ ढोल नगाड़े और शहनाइयों की गूंज सुनाई दे रही है. कोई खुद दुल्हन या दूल्हा बन रहा है या फिर किसी का संगी साथी घोड़ी चढ़ रहा है. चारों तरफ खुशियों का माहौल है. लेकिन कुछ दिनों के लिए शादियों को ब्रेक लगने वाला है. दरअसल खरमास शुरू होने वाला है.

हिंदू कैलेंडर में खरमास (मलमास) का महीना बेहद अशुभ माना जाता है. इस बार खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर से हो रही है. यह अवधि किसी भी शुभ कार्य के लिए बुरी मानी जाती है.

इस दौरान मांगलिक कार्य जैसे शादी, यज्ञोपवीत, गृहप्रवेश इत्यादि नहीं किए जाते. खरमास मुख्य रूप से उत्तर भारत में बिहार झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में माना जाता है.

खरमास के दौरान ये ना करें

खरमास के शुरू होने के बाद घर या किसी अन्य भवन का निर्माण पूर्णत वर्जित है. इस दौरान भवन निर्माण सामग्री लेना भी अशुभ होता है.

विवाह और उपनयन जैसे शुभ संस्कार भी इस दौरान वर्जित रहते है. इसके अलावा गृह प्रवेश जैसे कार्य भी इस दौरान नहीं होने चाहिए.

इस महीने किसी संपत्ति अथवा भूमि की खरीद भी बेहद अशुभ होती है.

खरमास की शुरुआत के बाद नया वाहन खरीदने से भी बचना चाहिए.

खरमास के अंतिम दिन लोगों को दान-दक्षिणा में हिस्सा लेना चाहिए. दान स्वरूप आप निर्धनों को खाद्य सामग्री, गुड़ और कपड़े दे सकते हैं.

यह ब्रेक नए साल 2018 के पहले माह जनवरी में भी जारी रहेगा. शुभ मुहुर्त 6 फरवरी 2018 से शुरू होगा. 7 फरवरी से फिर शादी की शहनाई धूमधाम से बजने लगेगी.

कारण
प्राचीन खगोलशास्त्र के अनुसार हिंदू पंचांग की गणना की जाती है. इसके अनुसार जब सूर्य 12 राशियों का भ्रमण करते हुए बृहस्पति की राशियों धनु और मीन में प्रवेश करता है, तो अगले 1 महीनों तक खरमास रहता है. इन 30 दिनों की अवधि को शुभ नहीं माना जाता है.

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