कर्नाटक सरकार का किसानों को बड़ा तोहफा, हुआ कर्जमाफी का ऐलान
बेंगलुरू। कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को राज्य के लाखों किसानों को राहत पहुंचाते हुए 34,000 करोड़ रुपये तक के कर्ज को माफ कर दिया है। मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2018-19 का बजट पेश करते हए कहा, “मैं कृषि से जुड़े 34,000 करोड़ रुपये तक के कर्ज को माफ करने का प्रस्ताव रखता हूं। किसान के हर परिवार के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाएंगे।”
कुमारस्वामी ने कहा, “पहले चरण में 31 दिसंबर 2017 तक फसलों के लिए गए जिन कर्ज को चुकाया नहीं जा सका, उन्हें माफ किया जाएगा। इस पहले चरण में केवल जिला सहकारी बैंकों और राज्य सहकारी समितियों से किसानों द्वारा लिए गए कृषि ऋण को माफ किया जाएगा।”
बजट में किसानों को दोबारा कर्ज लेने के लिए सक्षम बनाने के उद्देश्य से 6,500 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव भी दिया है। किसान को संबंधित विभाग से एक भुगतान प्रमाणपत्र हासिल कर उसे जमा कराना होगा जिसमें यह दर्ज होगा कि उनके कर्ज एरियर को माफ कर दिया गया है। इसके बाद वे दोबारा कर्ज की इस योजना का लाभ उठा पाएंगे।
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मुख्यमंत्री ने कहा, “पहले चरण में दिसंबर 2017 तक नहीं चुकाए गए कृषि कर्ज माफ किया जाएंगे। जिन किसानों ने निर्धारित समय के भीतर कर्ज चुकाया है, उन्हें 25,000 रुपये तक का नया कर्ज या चुकाई गई राशि, इन दोनों में से जो कम हो, दी जाएगी।”
बजट में पेट्रोल की कीमत 1.14 रुपये और डीजल की कीमत 1.12 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा दी गई है जिससे आम लोगों पर महंगाई की मार पड़ेगी।
बिजली दर भी 20 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ा दी गई है।
कुमारास्वामी ने विधायकों से कहा कि पूर्ववर्ता कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू की गईं योजनाओं को जारी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य का बजट कुल 2,13,734 करोड़ रुपये का है।
अन्नभाग्य (चावल) योजना के तहत, मुफ्त वितरण के लिए चावल की मात्रा प्रति माह 7 किलोग्राम से घटाकर 5 किलोग्राम कर दी गई है।
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मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं इजरायल मोड के आधार पर कृषि विकास के लिए 150 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव करता हूं। हम कृषि और सेवाओं के क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेंगे।”
आंध्र प्रदेश की तर्ज पर उच्च पैदावार और बेहतर कीमत के लिए बजट में प्राकृतिक खेती के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
शिक्षा के लिए 26,581 करोड़, जल संसाधन के लिए 18,142 करोड़, शहरी विकास के लिए 17,727 करोड़, ऊर्जा के लिए 14,499 करोड़, सामाजिक कल्याण के लिए 14,123 करोड़ और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के लिए 10,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।