‘आईआईटी-कानपुर से मोतीझील’ तक 9 किलोमीटर लंबे प्रयोरिटी कॉरिडोर में यात्री सेवाएं होंगी  शुरू, पीएम करेंगे शुभारंभ

कानपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 दिसंबर, 2021 को कानपुर मेट्रो के 9 कि.मी. लंबे प्रायोरिटी कॉरिडोर में यात्री सेवाओं का शुभारंभ कर कानपुर की जनता को ‘नए साल’ का तोहफा देंगे। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी अपनी सम्मानित उपस्थिति के साथ इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।

बता दें कि 15 नवंबर,2019 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कानपुर मेट्रो के सिविल निर्माण कार्य की शुरूआत की गई थी। इसके बाद 10 नवंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दुर्गा शंकर मिश्रा, सचिव, आवास एवं शहरी कार्य की गरिमामयी उपस्थिति में आईआईटी कानपुर से मोतीझील के बीच 9 कि.मी. प्रायॉरिटी कॉरिडोर में कानपुर मेट्रो के ट्रायल रन की शुरूआत की गई। इस दौरान दीपक कुमार, प्रमुख सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन, कुमार केशव, प्रबंध निदेशक, यूपीएमआरसी सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे थे।    

प्रायोरिटी कॉरिडोर के सभी 9 स्टेशनों को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) की प्लेटिनम रेटिंग से प्रमाणित किया गया है। कानपुर मेट्रो के पूरे 9 किमी के हिस्से को ग्रीन बिल्डिंग कोड के अनुसार विकसित किया गया है जो इसे पर्यावरण के लिए सुरक्षित बनाता है। ग्रीन बिल्डिंग कोड और मापदंडों के कड़े अनुपालन के कारण, इसे पर्यावरण प्रबंधन के लिए ISO-14001 प्रमाणन और सुरक्षा प्रबंधन के लिए ISO-45001 प्रमाणन के साथ प्रमाणित किया गया है।

इस महीने की शुरुआत में, मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने कानपुर मेट्रो के अपने तीन दिवसीय निरीक्षण (20-22 दिसंबर 2021) के दौरान वाया-डक्ट, ट्रैक, स्टेशन परिसर, साइनेज, सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल सुविधा आदि का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के तीसरे दिन सीएमआरएस ने मेट्रो ट्रेन की गति की जांच की, जो कि संतोषजनक पाई गई। सीएमआरएस का दौरा सफल रहा और कानपुर मेट्रो को प्रायोरिटी कॉरिडोर पर कॉमर्शियल रन के लिए एनओसी दी गई।

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन  के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा, “कानपुर मेट्रो तीन डिब्बों के साथ ‘आईआईटी-कानपुर से मोतीझील’ तक प्राथमिकता खंड पर चलेगी। प्रधानमंत्री द्वारा संचालन के उद्घाटन के बाद, जनता के लिए यात्री सेवाएं 29 दिसंबर, 2021 से खोली जाएंगी। दैनिक मेट्रो सेवाएं सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक उपलब्ध रहेंगी। शुरुआत में क्यूआर कोड से टिकट की सुविधा होगी, इसके बाद लोगों के लिए स्मार्ट कार्ड भी शुरू की जाएगी। प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ, हमारे द्वारा पेश किया गया टिकटिंग मॉडल कानपुर शहर में दैनिक आवागमन के अनुभव को विश्व स्तर के स्तर तक बढ़ा देगा। 

कुमार केशव ने कहा, “मेट्रो आवागमन का सबसे सुरक्षित तरीका है, ऐसे में कानपुर मेट्रो न केवल एक आरामदायक, सुगम और सुरक्षित यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा बल्कि लोगों के हर दिन आने-जाने के तरीके को भी बदल देगा। यह निश्चित रूप से महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और ‘दिव्यांगजनों’ को आरामदायक यात्रा अनुभव के साथ सुविधा प्रदान करेगा। कानपुर मेट्रो शहरी परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में सस्ती है। यह दैनिक ट्रैफिक जाम में फंसे बिना यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचने में मदद करके समय और धन की बचत करेगा।

 उन्होंने कहा कि यूपीएमआरसी आने वाले दिनों में GoSmart कार्ड भी पेश करेगी जो एकल यात्रा पर 10% की छूट प्रदान करेगा। यह यात्रियों को संपर्क रहित यात्रा अनुभव प्रदान करेगा। कानपुर मेट्रो सेवाओं की शुरुआत लोगों के जीवन को बदल देगी और शहर में परिवहन के बुनियादी ढांचे में सुधार करेगी।

प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा, “यात्रियों को निश्चित रूप से कानपुर मेट्रो में विश्व स्तरीय यात्रा का अनुभव मिलेगा। प्रायोरिटी कॉरिडोर को निर्धारित समय सीमा के भीतर पहुंचाने का श्रेय पूरी तरह से UPMRC की मेहनती और समर्पित टीम, ठेकेदारों, मजदूरों, श्रमिकों और सलाहकारों को जाता है। मैं कानपुर मेट्रो के प्राथमिकता वाले खंड को वितरित करने में धैर्य, समर्थन और सहयोग दिखाने के लिए कानपुर के लोगों को भी धन्यवाद देता हूं। स्थानीय नागरिक एजेंसियों, यातायात और पुलिस विभागों ने भी इस मील के पत्थर को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”

उल्लेखनीय है कि कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में 2 कॉरिडोर शामिल हैं, जिसकी कुल लंबाई 32.5 किमी है। पहला कॉरिडोर ‘आईआईटी कानपुर से नौबस्ता’ 23.8 किमी लंबा है जबकि दूसरा कॉरिडोर ‘चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय से बर्रा-8’ 8.6 किमी लंबा है। 9 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशनों वाले पहले कॉरिडोर का ‘आईआईटी-कानपुर से मोतीझील’ का प्राथमिकता खंड अब राजस्व संचालन के लिए तैयार है।

कुमार केशव ने कहा कि कोविड जैसे कठिन समय के बा्वजूद, कानपुर मेट्रो रेल परियोजना ने निर्माण कार्य की गति को तेज बनाए रखा और सभी बाधाओं और चुनौतियों को पार कर लिया। यूपीएमआरसी की टीम, ठेकेदारों, मजदूरों, कामगारों और सलाहकारों ने 2 साल से भी कम समय में प्रायोरिटी कॉरिडोर के सिविल निर्माण कार्य को पूरा किया है। इसके परिणामस्वरूप, यूपीएमआरसी द्वारा 2 साल से भी कम समय में कानपुर मेट्रो का ट्रायल रन शुरू किया गया। इसके साथ ही यूपीएमआरसी की टीम 2 साल  1 महीने एवं 15 दिन में कानपुर मेट्रो की राजस्व सेवाएं शुरू करने की उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने में सफल रही है।

बता दें कि कानपुर मेट्रो की ट्रेनें ‘रीजेनरेटिव ब्रेकिंग’ तकनीक से लैस होंगी जिससे ट्रेन संचालन में 35 फीसदी तक ऊर्जा की बचत होगी। रीजेनरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली की मदद से मेट्रो ट्रेन की ब्रेकिंग प्रक्रिया के जरिए उर्जा का उत्पादन करती है उसे वापस सिस्टम में भेज देती है। इसके जरिए कानपुर की मेट्रो ट्रेने न सिर्फ उर्जा की बचत करेंगी बल्कि इसका उत्पादन भी करेंगी। इसके अलावा स्टेशनों और डिपो पर लगे लिफ्ट भी रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक से ऊर्जा बचाने में सक्षम होंगे। इनमें 34% तक की ऊर्जा दक्षता होगी। ऊर्जा की बचत के लिए सभी मेट्रो परिसरों में 100% एलईडी लाइटिंग होगी। इसके अलावा मेट्रो डिपो और स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाने की भी योजना तैयार की गई है।

कानपुर मेट्रो को खूबसूरती से डिजाइन किया गया है और इसे ओएचई (ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन) के बजाय तीसरी रेल द्वारा संचालित किया जाएगा। इसमें मेट्रो ट्रेनों के नियमित रखरखाव और रखरखाव के लिए डिज़ाइन किया गया एक ग्रीन डिपो होगा। मेट्रो की संरचना ‘ग्रीन बिल्डिंग’ अवधारणा पर विकसित की गई है जिसमें ऊर्जा की बचत के साथ-साथ वाटर रिचार्जिंग की सुविधा भी होगी। कानपुर मेट्रो शहर में सार्वजनिक परिवहन का सबसे सुरक्षित, सबसे आरामदायक और विश्वसनीय साधन होगा।

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