सिर्फ 10 दिन खाएं ये जादुई फल, तेल लेने जाएगी बढ़े वजन और अपच की समस्या

पपीतानई दिल्ली। पपीता एक ऐसा फल है जो आपको हर सीजन में आसानी से मिल जाएगा। कच्चे पपीता की सब्जी और आचार भी बनाया जाता है। पपीते में पेप्सीन एंजाइम प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो एक तरह का पाचक रस होता है।

पपीता प्रोटीन को पाचन के अलावा आंतों में सूखे मल को बाहर करके आंतों को एकदम साफ कर देता है। सिर्फ 10 दिन तक इस जादुई फल को खाने से ही कई बीमारियों से राहत मिलती है। तो चलिए आज बात करेंगे पपीता के अन्य फायदों के बारे में-

कोलेस्ट्रॉल कम करन में सहायक पपीता

पपीते में उच्च मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। साथ ही इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अपने इन्हीं गुणों के चलते ये कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में काफी असरदार है।

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वजन घटाने में

एक मध्यम आकार के पपीते में 120 कैलोरी होती है। ऐसे में अगर आप वजन घटाने की बात सोच रहे हैं तो अपनी डाइट में पपीते को जरूर शामिल करें। इसमें मौजूद फाइबर्स वजन घटाने में मददगार होते हैं।

रोग प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने में

रोग प्रतिरक्षा क्षमता अच्छी हो तो बीमारियां दूर रहती हैं। पपीता आपके शरीर के लिए आवश्यक विटामिन सी की मांग को पूरा करता है। ऐसे में अगर आप हर रोज कुछ मात्रा में पपीता खाते हैं तो आपके बीमार होने की आशंका कम हो जाएगी।

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पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द में

जिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दर्द की शिकायत होती है उन्हें पपीते का सेवन करना चाहिए। पपीते के सेवन से एक ओर जहां पीरियड साइकिल नियमित रहता है वहीं दर्द में भी आराम मिलता है।

पाचन तंत्र को सक्रिय रखने में

पपीते के सेवन से पाचन तंत्र भी सक्रिय रहता है। पपीते में कई पाचक एंजाइम्स होते हैं। साथ ही इसमें कई डाइट्री फाइबर्स भी होते हैं जिसकी वजह से पाचन क्रिया सही रहती है।

आंखों की रोशनी बढ़ाने में

पपीते में विटामिन सी तो भरपूर होता ही है साथ ही विटामिन ए भी पर्याप्त मात्रा में होता है। विटामिन ए आंखों की रोशनी बढ़ाने के साथ ही बढ़ती उम्र से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान में भी कारगर है।

पेट के कीड़े

पपीते के 10 बीजों को पानी में पीसकर चौथाई कप पानी में मिलाकर लगभग 7 दिनों तक लगातार पीने से पेट के कीड़े समाप्त होते हैं

पुरानी खाज-खुजली

पपीते का दूध और सुहागा को उबलते पानी में डालकर खाज-खुजली पर लगाने से दाद-खुजली दूर होती है। पपीते के पत्तों का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन पीने से हृदय का रोग ठीक होता है। इसके सेवन से घबराहट दूर होती है।बुखार में हृदय की कमजोर व नाड़ी का अधिक तेज चलने के रोग में पपीते के पत्तों का काढ़ा बनाकर सेवन करना चाहिए। पपीते के पत्ते को पानी में उबालकर उसके पानी को छानकर पीने से हृदय रोग में लाभदायक है।

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