जज ने जान पर हमला करने का लगाया आरोप, सुंदर भाटी गिरोह पर शक
न्यायाधीश डॉ. अनिल कुमार सिंह ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि गैंगस्टर सुंदर भाटी ने उनकी दोषसिद्धि का बदला लेने के लिए उनकी हत्या की साजिश रची हो सकती है।
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में तैनात एक अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दावा किया है कि 29 अक्टूबर को जब वह फर्रुखाबाद से नोएडा जा रहे थे, तब अज्ञात हमलावरों ने कार से उनका पीछा किया और उनकी हत्या की कोशिश की।
न्यायाधीश डॉ. अनिल कुमार सिंह ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि गैंगस्टर सुंदर भाटी ने उनकी दोषसिद्धि का बदला लेने के लिए उनकी हत्या की साजिश रची हो सकती है।
उनकी शिकायत के आधार पर अलीगढ़ के खैर थाने में 9 नवंबर को एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 191(1) और (2) (दोनों दंगे से संबंधित), 109 (हत्या का प्रयास), 126(2) (रास्ते में गलत तरीके से रोकना), 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), 131 (गंभीर उकसावे के अलावा हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 125 (दूसरों की जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य) और 61(2) (आपराधिक साजिश में शामिल होना) के तहत दर्ज की गई है।
क्षेत्राधिकारी (अलीगढ़) राजीव द्विवेदी ने एक वीडियो बयान में कहा कि न्यायाधीश ने शिकायत की है कि 29 अक्टूबर को जब वह खैर क्षेत्र से टप्पल की ओर जा रहे थे, तो एक सफेद बोलेरो में सवार चार-पांच लोगों ने उनकी गाड़ी को ओवरटेक किया और उन्हें रोकने की कोशिश की।
सर्किल ऑफिसर ने कहा, “उस दिन के सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की जा रही है और आरोपी के वाहन का विवरण उपलब्ध कराया गया है। कानूनी कार्रवाई चल रही है।”
शिकायत के अनुसार, न्यायाधीश को ले जा रहा वाहन खैर के जट्टारी की ओर जा रहा था, तभी बोलेरो सवार पांच अज्ञात लोगों ने उनका पीछा किया और बार-बार उनका रास्ता रोकने की कोशिश की।
जब जज की कार सोफा पुलिस चौकी के बाहर रुकी, तो कथित हमलावरों ने यू-टर्न लिया और तेजी से भाग निकले। एफआईआर में लिखा है, “वे अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे और मेरी गाड़ी रोकने के लिए मुझ पर हथियार तान रहे थे, लेकिन मैं किसी तरह बच निकला।”
न्यायाधीश ने पुलिस को बताया कि उनके वाहन ने न तो किसी अन्य वाहन को टक्कर मारी और न ही उसे छुआ, जिससे उन्हें विश्वास हो गया कि यह सड़क पर रोष का मामला नहीं था।
न्यायाधीश ने कहा, “पांच अज्ञात व्यक्तियों ने जानबूझकर मुझे आतंकित किया और मुझे मारने के इरादे से हमला किया।”
उन्होंने आगे बताया कि 2021 में गौतम बुद्ध नगर में जिला न्यायालय में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के रूप में अपनी तैनाती के दौरान उन्होंने सुंदर भाटी और उसके गिरोह के 11 सदस्यों को कई मामलों में दोषी ठहराया था और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
न्यायाधीश ने एफआईआर में कहा, “मुझे संदेह है कि सुंदर भाटी और उसके गिरोह के सदस्यों ने मुझे जान से मारने या अपनी दोषसिद्धि और सजा का बदला लेने के इरादे से मुझ पर हमला करवाने की साजिश रची है, क्योंकि इन लोगों को लंबे समय तक आपराधिक पृष्ठभूमि होने के बावजूद कभी दोषी नहीं ठहराया गया।”
एफआईआर दर्ज करने में देरी पर जज ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने मौखिक रूप से सोफा पुलिस चौकी प्रभारी को सूचित किया था और खैर एसएचओ डीके सिसोदिया और एसएसपी अलीगढ़ के जनसंपर्क अधिकारी को भी फोन के जरिए घटना की सूचना दी थी।