CMIE ने जारी किए आंकड़े, देश में बढ़ी बेरोजगारी दर, सरकार ने दावे का किया खंडन

(अराधना)

सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में बेरोजगारी दर अप्रैल में बढ़कर 7.83 प्रतिशत हो गई, जो मार्च में 7.60 प्रतिशत थी। रिपोर्ट के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर अप्रैल में बढ़कर 9.22 प्रतिशत हो गई, जोकि पिछले महीने 8.28 प्रतिशत थी, जबकि ग्रामीण बेरोजगारी दर 7.29 प्रतिशत से घटकर 7.18 प्रतिशत हो गई है।

सीएमआई द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार, उत्तरी राज्य हरियाणा में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर 34.5 फीसदी दर्ज की गई। इसके बाद राजस्थान में 28.8 फीसदी और बिहार में 21.1 फीसदी दर्ज की गई। इस बीच, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और असम में बेरोजगारी सबसे कम थी, जहां बेरोजगारी दर क्रमशः 0.2 प्रतिशत, 0.6 प्रतिशत और 1.2 प्रतिशत थी।

अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, सुस्त घरेलू मांग और बढ़ती कीमतों के बीच आर्थिक सुधार की धीमी गति ने रोजगार के अवसर को प्रभावित किया हैं। गौरतलब है कि मार्च में उपभोक्ता महंगाई दर 17 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचकर 6.95 फीसदी हो गई है। जून में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो दर में वृद्धि की उम्मीद है।

श्रमिक भागीदारी भी कम हो गई

मुंबई स्थित सीएमआईई के डेटा पर अर्थशास्त्रियों और नीति निर्माताओं द्वारा बारीकी से नजर रखती है, क्योंकि सरकार अपने मासिक आंकड़े जारी नहीं करती है। रिपोर्ट के अनुसार, श्रमिक भागीदारी में भी भारी कमी देखने को मिली है। मार्च 2019 में 43.7 यह दर फीसदी था जो मार्च 2022 में घटकर 39.5 फीसदी रह गया, क्योंकि महामारी के दौरान लाखों लोगों की नौकरी चली गई थी। हालांकि, सरकार ने दावे का खंडन करते हुए कहा कि यह अनुमान लगाना तथ्यात्मक रूप से गलत होगा कि कामकाजी उम्र की आधी आबादी ने काम की उम्मीद खो दी है।

अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, सुस्त घरेलू मांग और बढ़ती कीमतों के बीच आर्थिक सुधार की धीमी गति ने रोजगार के अवसर को प्रभावित किया हैं। गौरतलब है कि मार्च में उपभोक्ता महंगाई दर 17 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचकर 6.95 फीसदी हो गई है। जून में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो दर में वृद्धि की उम्मीद है।

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