J&K मामले में महबूबा मुफ़्ती ने दी PM मोदी को नसीहत, अगर कश्मीर के लोगों से प्यार है तो न करें ये काम
जम्मू कश्मीर(Jammu Kashmir) मामले में हाई अलर्ट के बाद सेना की बढ़ती हलचल से एक तरफ जहाँ सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म है. वहीँ हर कोई इसे लेकर अपनी ही थ्योरी बता रहा है. हालांकि एक के बाद एक कश्मीरी नेताओं के इस मामले को लेकर बयान भी आये. फिर चाहे व उमर अब्दुल्ला का बयान हो या फिर महबूबा मुफ़्ती का. आपको बता दें कि जम्मू में सेना की बढ़ती हलचल को देखते हुए महबूबा मुफ़्ती(mahbooba mufti) ने PM मोदी को ये नसीहत दे डाली कि अगर जम्मू के लोगों का दिल जीतना है तो सरकार सेना से नहीं बल्कि अपने काम से जीते.
कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की 380 अतिरिक्त कंपनियां भेजे जाने को लेकर आशंकाओं के बीच राज्य प्रशासन की ओर से पाक आतंकी हमले के अंदेशे पर अमरनाथ यात्रियों से तत्काल घाटी छोड़ने को कहा गया है।
इस एडवाइजरी के जारी होने के बाद जम्मू-कश्मीर के सियासी गलियारों में भूचाल सा आ गया है। पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार शाम श्रीनगर में अपने आवास पर प्रेस वार्ता कर कहा कि जिस तरह से घाटी में सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है उससे यहां के लोग भयभीत हैं।
महबूबा ने कहा कि सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के बाद अमरनाथ यात्री और पर्यटक तो लौट जाएंगे मगर कश्मीरियों का क्या होगा? जम्मू के लोग कहां जाएंगे, लद्दाख के लोगों को कहां भेजेंगे।
महबूबा ने कहा कि ऐसा क्या होने वाला है जो अचानक निजी गाड़ियों और जेकेएसआरटीसी की बसों में घाटी से बाहर के लोगों को भरकर तत्काल भेजा जा रहा है। आखिर आज तक घाटी के बाहर के लोगों को कश्मीर में कभी खतरा रहा है क्या?
महबूबा ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि आप जम्मू-कश्मीर को एक टेरिटरी का मसला समझ रहे हैं क्या? उन्होंने कहा कि हामारे संविधान निर्माताओं ने हमे ये अधिकार दिए हैं जिन्हें आज आप छीनने की कोशिश में लगे हैं।
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घाटी की सलामती और खुशहाली के लिए यहां के लोग अबतक कुर्बानी देते आ रहे हैं। जो माहौल घाटी में बनाया जा रहा है वह सही नहीं है। मैं किसी को किसी भी प्रकार की धमकी नहीं दे रही हूं लेकिन मौजूदा हालत पर विचार की जरूरत है।
उन्होंने पीएम मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कश्मीर नीति का पालन करने की नसीहत दी। एक बार फिर से उन्होंने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि यह लड़ाई हमारी पहचान की लड़ाई है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह समय हमारे लिए जीने मरने वाला है क्योंकि हमें जम्मू-कश्मीर की पहचान को बचाना है। भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके नेता भले ही कुछ बोलें लेकिन हकीकत यह है कि राज्य पुलिस को साइडलाइन करके केंद्रीय बलों को लाया जा रहा है।
इससे अटकलें तेज हो गई हैं कि अनुच्छेद 35ए को हटाया जा रहा है। यह समय एकजुट होने का है लेकिन सभी अलगाववादी नेता या तो नजरबंद हैं या फिर जेल में बंद हैं। इसलिए देश के संविधान की रक्षा करने की जिम्मेदारी यहां के मुख्यधारा की पार्टियों की है।
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उन्होंने कहा कि चुनाव तो कभी भी हो सकते हैं और सरकार किसी की भी बन सकती है लेकिन इस समय अपनी पहचान की रक्षा करना सभी मुख्यधारा की पार्टियों की जिम्मेदारी बनती है।
उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि दुख तब हुआ जब उमर ने कहा कि उन्होंने चुनावों को लेकर प्रधानमंत्री से बातचीत की और यह नहीं बताया कि क्या बात हुई। पूर्व आईएएस अफसर शाह फैसल ने सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है।