भारत ऑस्ट्रेलिया से कम कीमत पर एलएनजी खरीदेगा

एलएनजीनई दिल्ली। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के गोरगॉन प्रोजेक्ट से द्रवीकृत प्राकृतिक गैस(एलएनजी) को आयात करने और इसके बाद 10,000 करोड़ रुपये की बचत होने के बाद इसके मूल्य को दोबारा तय किया है। पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने ट्वीट कर कहा, “अच्छी खबर शेयर करने में खुशी हो रही है कि भारत एक बार फिर एलएनजी के संबंध में दीर्घकालिक मूल्य के मुद्दे को भारतीय बाजार के अनुरूप करने में सफल हो गया है।”

उन्होंने एक अलग ट्वीट में कहा, “भारतीय ग्राहक अब जल्द ही एलएनजी उचित मात्रा में खरीद सकेंगे। यह ठीक उसी तरह हुआ है जैसा हमने कतर के साथ एलएनजी खरीद में किया था।”

मंत्रालय सूत्रों के अनुसार अमेरिका की बड़ी कंपनियां शेवरॉन और एक्सॉट मोबिल की अगुवाई वाली गोरगॉन प्रोजेक्ट ने बंदरगाह पर मौजूदा यूके ब्रेंट तेल कीमत के 13.9 प्रतिशत चार्ज पर एलएनजी देने पर सहमति व्यक्त की है। इससे पहले बंदरगाह के लोडिंग पर 14.5 प्रतिशत चार्ज लगाने पर सहमति हुई थी।

इससे पहले पिछले वर्ष भारत ने यहां के बाजारों को फायदा पहुंचाने वाले करार के तहत कतर के साथ एलएनजी आयात करने के मामले में 12 डॉलर प्रति यूनिट से कीमत घटाकर 5 प्रति यूनिट करा लिया था।

पुनर्निवेश के बाद पेट्रोनेट ने अगले 12 वर्षो के लिए मौजूदा बाजार कीमत पर 1 जनवरी 2016 से प्रतिवर्ष 10 लाख टन एलएन जी अतिरिक्त आयात करने का फैसला किया था। यह नया अनुबंध 2028 में समाप्त होगा।

प्रधान ने कतर से एलएन जी करार किए जाने के संबंध में उस समय कहा था कि नई कीमत तय होने के बाद हमें प्रतिवर्ष 16,000 करोड़ रुपये का फायदा होगा।

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