नोटबंदी के बाद साइबर अपराध में हुआ इजाफा, सामने आए साइबर सेल के आंकड़े

साइबर अपराधलखनऊ। बीते साल हुई नोटबंदी के आज 8 नवम्बर को एक साल पूरे हो गए। सभी राजनीति पार्टी, अर्थशास्त्री मंथन करने में जुटे हैं कि आखिर मोदी सरकार के इस फैसले कितना फायदा और नुकसान हुआ। लेकिन नोटबंदी के बाद से साइबर अपराध को लेकर चौकानें वाले आकड़े सामने आये हैं।

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नोटबंदी के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में साइबर फ्रॉड के मामलों में 40 फीसदी का इज़ाफा हो गया है। ये खुलासा राजधानी के साइबर सेल के आकंड़ों से हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक साइबर फ्रॉड के मामलों में अधिकतर एटीएम कार्ड क्लोनिंग और पेमेंट गेटवे से पैसे निकलने की वारदात सामने आई है। नोटबंदी के बाद से लखनऊ पुलिस की साईबर सेल में रोज़ साइबर फ्रॉड के आधा दर्जन मामले आते हैं। साईबर सेल में विशेष सुरक्षा वाहिनी के सिपाही के खाते से 25 हज़ार की रकम निकलने का मामला आया।

लखनऊ की साईबर सेल के प्रभारी विजय वीर सिरोही ने चौकाने वाले आंकड़े बताते हुए कहा कि 2016 ऑनलाइन धोखाधड़ी के 986 मामले सामने आए थे, जबकि जनवरी 2017 से नवंबर तक 1600 मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि इनमें ज्यादातर मामले एटीएम कार्ड क्लोनिंग और पेमेंट गेटवे के माध्यम से रकम निकालने के हैं।

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फरवरी 2016 में केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में बताया था कि अप्रैल से दिसबंर 2015 के बीच बैंक फ्रॉड के 12,000 मामले दर्ज हुए हैं। राष्ट्रीय अपराध शाखा के अनुसार 2013 में साइबर क्राइम के 4,356 मामले और 2014 में 7,021 मामले दर्ज हुए थे।

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