दिल्ली में BSF के दो अधिकारियों को सीबीआई ने 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा, इतनी मांग का था आरोप

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के वेतन एवं लेखा कार्यालय (पीएओ) में तैनात दो अधिकारियों को 40,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।

यह कार्रवाई 18 जुलाई को की गई, जब शिकायतकर्ता, एक एनडीआरएफ फार्मासिस्ट, ने बीएसएफ के सहायक लेखा अधिकारी (एएओ) धर्मेंद्र कुमार वर्मा और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज की थी। शिकायतकर्ता का आरोप था कि उनके 18.73 लाख रुपये के बकाया वेतन और बिल को पास करने के लिए 15-20% (लगभग 2 लाख रुपये) की रिश्वत मांगी गई थी।

शिकायतकर्ता, मनीष सिंह, जो 16वीं बटालियन, एनडीआरएफ, द्वारका में फार्मासिस्ट हैं, ने सीबीआई को बताया कि धर्मेंद्र कुमार वर्मा ने उनके 18.73 लाख रुपये के बकाया वेतन को रिलीज करने के लिए 2 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। यह मांग 16 जुलाई को सोशल मीडिया के जरिए की गई, जब मनीष ने अपने बकाया भुगतान में देरी के बारे में पूछताछ की थी। मनीष ने रिश्वत देने से इनकार किया और सीबीआई से संपर्क किया। सीबीआई ने शिकायत की सत्यता की जांच की और 17 जुलाई को एक सत्यापन रिपोर्ट तैयार की, जिसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7ए और भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 61(2) (आपराधिक साजिश) के तहत अपराध की पुष्टि हुई।

18 जुलाई को सीबीआई ने जाल बिछाया और धर्मेंद्र कुमार वर्मा को 40,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। हालांकि, शुरुआती मांग 2 लाख रुपये की थी, लेकिन यह राशि बातचीत के बाद तय की गई थी। सीबीआई ने मामले में अन्य अज्ञात व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच शुरू की है। धर्मेंद्र कुमार वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया और उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई जारी है।

शिकायतकर्ता का बयान:
मनीष सिंह ने बताया कि उनका बकाया वेतन 4 जुलाई को ही लेखा विभाग में पहुंच गया था, लेकिन उसे जानबूझकर रोका गया। धर्मेंद्र कुमार वर्मा ने रिश्वत के लिए दबाव बनाया और बिल पास करने के लिए 15-20% कमीशन की मांग की। मनीष ने कहा कि रिश्वत देने से इनकार करने पर उन्हें बार-बार परेशान किया गया, जिसके बाद उन्होंने सीबीआई से शिकायत की।

कानूनी कार्रवाई:
सीबीआई ने 18 जुलाई को धर्मेंद्र कुमार वर्मा और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7ए और भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 61(2) के तहत मामला दर्ज किया। धर्मेंद्र को 40,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया और उनकी गिरफ्तारी के बाद उनके आवास और कार्यालय पर तलाशी ली गई। सीबीआई ने मामले में गहन जांच शुरू की है ताकि अन्य संलिप्त व्यक्तियों का पता लगाया जा सके।

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