असदुद्दीन ओवैसी: वक्फ बिल कानून बन गया तो मुसलमान नीतीश, चंद्रबाबू और चिराग को माफ नहीं करेंगे..

हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा जगदंबिका पाल ने हितधारकों को बुलाने के लिए अपने विशेषाधिकार का गलत तरीके से इस्तेमाल किया

संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की रिपोर्ट पेश किए जाने को लेकर विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट से उनके सदस्यों के असहमति नोट के कुछ हिस्से हटा दिए गए, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने इससे इनकार किया।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी, जो इस संसदीय समिति का हिस्सा थे, उन्होंने पैनल के कामकाज, इसकी रिपोर्ट और विपक्षी सदस्यों के असहमति नोटों सहित अन्य मुद्दों पर अपनी बात कही, समिति की कार्यवाही अव्यवस्थित तरीके से हुई। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने हितधारकों को बुलाने के लिए अपने विशेषाधिकार का गलत तरीके से इस्तेमाल किया। उनके कुछ सदस्य आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं जबकि कुछ पर हत्या के आरोप हैं। वक्फ विधेयक या इस मुद्दे पर उनका क्या हित है?

ओवैसी ने कहा दूसरी बात, कई ऐसे संगठनों को बुलाया गया जिनका वक्फ से कोई लेना-देना नहीं था। तीसरी बात, समिति का कार्यकाल चालू बजट सत्र के अंतिम दिन तक होना था लेकिन उसे आगे बढ़ा दिया गया। सदस्यों के लिए कुछ घंटों के भीतर दस्तावेज को पढ़ना और असहमति नोट देना कैसे संभव है? इससे पता चलता है कि वे हमारे असहमति नोट नहीं चाहते थे जो असंवैधानिक विधेयक का खंडन करते हैं।

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