Health Tips: रोजाना 5 ग्राम से ज्यादा न खाएं नमक, नहीं तो जानलेवा हो सकती है ये आदत

पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) द्वारा कराए गए अध्ययन में पाया गया है कि वयस्क भारतीयों में ज्यादा नमक खाने की आदत है, जो डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित मात्रा से ज्यादा है। अध्ययन में पाया गया कि दिल्ली और हरियाणा में नमक का सेवन प्रतिदिन 9.5 ग्राम और आंध्र प्रदेश में प्रतिदिन 10.4 ग्राम था। चिकित्सकों का कहना है कि आहार में नमक ज्यादा लेने से रक्तचाप पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है और समय के साथ यह कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का कारण बन सकता है। आहार में नमक को सीमित करने से हृदयरोग में 25 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है और दिल की जटिलताओं से मरने का खतरा 20 प्रतिशत तक कम हो सकता है।

हल्थकेयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, “भारतीय आहार सोडियम से भरपूर होता है और नमक की अधिक खपत गैर-संक्रमणीय बीमारियों के लिए सबसे बड़ा योगदान कारक है। समय के साथ अत्यधिक नमक गुर्दे को अपूरणीय क्षति का कारण बन सकता है। ज्यादा नमक रक्तचाप बढ़ाता है, जिसे हाइपरटेंशन के रूप में जाना जाता है।” उन्होंने कहा कि उच्च रक्तचाप धमनियों को कठोर कर सकता है, जिससे रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह में कमी आती है। इससे चेहरे में ऑक्सीजन के प्रवाह में कमी आती है और त्वचा सूखने के अलावा तेजी से झुर्रियां भी पड़ सकती हैं। इससे व्यक्ति की उम्र बढ़ी हुई दिखती है। स्वास्थ्य पर और भी कई नेगेटिव प्रभाव पड़ते हैं।

डब्ल्यूएचओ की सिफारिश है कि एक वयस्क को एक दिन में 5 ग्राम से ज्याद नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। दुनियाभर में शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं ने उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए नमक के सेवन को कम करने पर दबाव डाला है, क्योंकि इसके प्रमुख ट्रिगर्स- तनाव और दोषपूर्ण जीवनशैली को नियंत्रित करना मुश्किल है। डॉ. अग्रवाल ने आगे बताया कि नमक और सोडियम शब्द अक्सर एक दूसरे के लिए उपयोग किए जाते हैं। हालांकि इनका मतलब अलग-अलग है। नमक में सोडियम और क्लोराइड शामिल है। नमक में मौजूद सोडियम आपके दिल के लिए बुरा हो सकता है, जबकि जीवन के लिए नमक जरूरी है।

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