PCOS की समस्या में बेहद फायदेमंद है ये बीज, इसके रोजाना सेवन से मिलते है कई लाभ

( रितिक भारती )

महिलाओं में पीसीओएस (पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम ) होना सामान्य है। लेकिन जो महिलाएं इस हार्मोनल विकार से ग्रसित हैं वे अब भी इससे जुड़ी कई बातों से अनजान हैं। डॉक्टर्स के अनुसार, पीसीओएस एक नहीं बल्कि कई प्रकार का होता है। लेकिन ज्यादातर महिलाएं इस बारे में कुछ नहीं जानतीं। उन्हें नहीं पता , कि वे आखिर किस तरह के पीसीओएस की शिकार हैं। इसके अलावा पीरियड्स भी अनियमित रहते हैं। हॉर्मोन्स की गड़बड़ी की वजह से स्किन से जुड़ी समस्याएं भी परेशान करने लगती हैं।

इसकी वजहें अभी भी पूरी तरह से पता नहीं चल पाई है और अफसोस की बात है कि इसका कोई इलाज भी नहीं है। लेकिन लाइफस्टाइल और डाइट में कुछ बदलावों से पीसीओएस के लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। तो अगर आप भी इस समस्या से जूझ रही हैं तो डाइट में इन बीजों को खासतौर से शामिल कर लें।

1. फ्लैक्स सीड्स

फ्लैक्स सीड्स यानी अलसी के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो एस्ट्रोजन के अधिक उत्पादन की रोकने का काम करते हैं। इसी की वजह से ब्लोटिंग, मूड स्विंग्स, क्रैम्प, ब्रेस्ट टेंडरनेस और कील-मुहांसों की समस्या होती है। इतना ही नहीं, अलसी के बीज पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द, पेट में ऐंठन से भी काफी हद तक राहत दिलाते हैं।

2. कद्दू के बीज

खरबूजे के बीज में मैग्नीशियम, एंटीऑक्सीडेंट्स, फॉस्फोरस, कॉपर, जिंक, आयरन, प्रोटीन, मोनोसैचुरेटेड फैट और विटामिन ए जैसे कई न्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं। जो पीसीओेएस की समस्या में तो आराम दिलाते ही है साथ ही और भी दूसरी सेहत संबंधी परेशानियों का कारगर इलाज हैं। इसके अलावा ओस्टियोपोरोसिस के होने की संभावनाओं को भी कम करते हैं। ऊपर-नीचे होते हॉर्मोन्स के स्तर को इन बीजों के सेवन से सुधारा जा सकता है।

3. चिया सीड्स

PCOS की प्रॉब्लम से जूझ रही महिलाएं चिया सीड्स को भी अपनी डाइट में शामिल करें। इन बीजों में ओमेगा फैटी एसिड्स और फाइबर की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है जो ऊपर-नीचे हार्मोन्स को मेनटने रखते हैं। इसके अलावा मूड स्विंग्स और मेटाबॉलिक सिंड्रोम से भी निपटने में कारगर हैं। अनियमित पीरियड्स की प्रॉब्लम भी इन्हें खाने से दूर होती है। कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और जिंक से भरपूर चिया सीड्स ओवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है।

4. तिल के बीज

तिल के बीजों में मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक और विटामिन ई की मात्रा होती है जो प्रोजेस्टेरोन के प्रोडक्शन को बढ़ावा देते हैं जिससे ब्लोटिंग, मूड स्विंग्स और सिरदर्द की समस्या में आराम मिलता है। इसके साथ ही इन बीजो में प्रोटीन भी होता है जो हॉर्मोन संबंधी दिक्कतों को दूर करते हैं।

5. सूरजमुखी के बीज

सूरजमुखी के बीजों में विटामिन ई होता है जो प्रोजेस्ट्रेरोन लेवल को बढ़ाने का काम करता है जिससे पीएमएस (PMS) के लक्षणों से निपटना आसान हो जाता है। इसके साथ ही सूरजमुखी के बीजों में सेलेनियम, फाइबर, प्रोटीन के साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं जो पीसीओएस की समस्या से बहुत हद तक आराम दिलाते हैं।

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