Harivansh Rai Bachchan Birthday Special: एक महान कवि जिसने शब्दों की मधुशाला का कराया रसपान

इलाहाबाद में 27 नवंबर 1907 को हिन्दी साहित्य के एक ऐसे हस्ती का जन्म हुआ जिसने ताउम्र अपनी कलम से कई फसाने लिख डाले जिसकी पूरी दुनिया दिवानी है। हिन्दू कायस्थ परिवार में ‘प्रताप नारायण श्रीवास्तव’ और ‘सरस्वती देवी’ के घर जन्मे, हिन्दी के इस सूरमा का नाम था हरिवंश राय बच्चन।

हिंदी के प्रमुख कवियों में से एक हरिवंश राय को सबसे अधिक लोकप्रियता उनकी कविता जिसने शब्दों की मधुशाला का कराया रसपान ‘मधुशाला’ से मिली थी और मधुशाला उनकी सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में से एक है। हरिवंश राय बच्चन की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा उनके गाँव की पाठशाला में हुई थी और उच्च शिक्षा के  लिए उन्हें इलाहाबाद और फिर कैम्ब्रिज जाना पड़ा, उन्होंने वहां पर अंग्रेजी साहित्य के विख्यात कवियों की कविताओं पर रिसर्च किया।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के दौरान हरिवंश कई राजकीय पदों पर भी कार्यरत रहे। हरिवंश राय बच्चन ने हिंदी विशेषज्ञ के तौर पर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में भी काम किया था। उन्हें राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी मनोनीत किया गया था। हरिवंश राय की शादी 1926 में श्यामा से हुई। 1936 में शादी के दस साल बाद श्यामा इस दुनिया से चल बसीं। 1941 में बच्चन ने दूसरी शादी तेजी सूरी से कर ली। 1939 में प्रकाशित हरिवंश राय की एकांत संगीत की कुछ पंक्तियां उनके जीवन की इन्हीं घटनाओ की से प्रेरित है।

बच्चन जी की प्रमुख रचनाएं- मधुकलश, निशा निमंत्रण, खादि के फूल, सूत की माला, मिलन यामिनी हैं। ‘हरिवंश राय को उनकी रचना दो चट्टाने’ को लेकर हिंदी कविता के साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

वहीं उनको सरस्वती सम्मान, कमल पुरस्कार आदि सम्मान से भी सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने उनको सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार से भी सम्मानित किया था। उनकी आत्मकथा के लिए बिड़ला फाउंडेशन ने उन्हें सरस्वती सम्मान दिया। भारत सरकार ने बच्चन को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया।

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन उनके पुत्र हैं। बच्चन ने सुमित्रा नंदन पंत की कविताएं और नेहरू के राजनीतिक जीवन पर भी कई किताबें लिखी हैं। शेक्सपियर के नाटकों का भी उन्होंने अनुवाद किया। 18 जनवरी, 2003 को मुंबई में हरिवंश राय बच्चन का 95 वर्ष की आयु में देहांत हो गया। हरिवंश राय बच्चन द्वारा देश को दिए गए योगदानों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

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