नया साल आने में बस कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। सभी यही उम्मीद लगाते हैं कि आने वाला साल सभी के लिए अच्छा हो, सभी के घर में खुशियां आएं और सभी का स्वास्थ्य अच्छा रहे। आप भी अपनी कुछ आदतें बदलकर नए साल में आपको खुशहाल,स्वस्थ व दीर्घायु बना सकता है।

शास्त्रों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त निद्रा त्यागने के लिए सर्वोत्तम है। इस समय उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इस वक्त जागकर अपने इष्ट देव या भगवान की पूजा, ध्यान, अध्ययन और पवित्र कर्म करना बहुत शुभ होता है। इस काल में की गई ईश्वर की पूजा का फल भी शीघ्र प्राप्त होता है।
यदि आप देर से सोकर उठते हैं तो नए साल में अपनी इस बुरी आदत को बदल लीजिए। स्वस्थ्य रहने के लिए प्रतिदिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठकर दो या तीन कि.मी. टहलने जाएं। आपकी उम्र कुछ भी हो, रोजाना व्यायाम, योग या तेज चहलकदमी के लिए 30 मिनट का समय निकालिए। समय और क्या व्यायाम करना है वह आप अपनी रूचि के अनुसार चुन सकते हैं।
इस साल आप ये भी संकल्प लें सकते हैं कि जहां तक हो सके घर का बना हुआ ही भोजन खाएं, इससे आपके बीमार होने की आशंका बहुत कम हो जाएगी वहीं बाहर के खाने पर जो पैसा बचेगा, उससे आप सूखे मेवे और फल खाने में खर्च कर सकते हैं। शाकाहार भोजन स्वास्थ्यवर्धक होता है अतः शाकाहार भोजन से ही स्वास्थ्य बनाने का प्रयास करें।
शास्त्रों में अन्न की बर्बादी या उसकी निंदा करना महापाप माना गया है। यह भी कहा गया है कि अन्न ब्रह्मा, विष्णु और रूद्र रूप है, इसलिए अन्न ही ब्रह्म है। जो अन्न की बर्बादी या निंदा करता है, वह ब्रह्म की निंदा का भागीदार होता है। अतः हर प्राणी को अन्न की निंदा करने और उसके दुरूपयोग से बचना चाहिए।
हरियाली सबके मन को भाती है, सकारात्मक ऊर्जा देती है, शुद्ध ऑक्सीजन देकर पर्यावरण को भी शुद्ध और संतुलित रखती है। इतना ही नहीं वास्तुदोष निवारण, बीमारियों को ठीक करने में एवं उत्तम स्वास्थ्य संरक्षण में वृक्ष-वनस्पतियों का योगदान सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता हैं। स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के लिए वृक्षारोपण हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, इन्हें लगाना हमारे लिए हर हाल में लाभकारी हैं। इस साल कम से कम पांच पेड़ लगाने का प्रण जरूर लें।
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