घाटी में ‘बजरंगी’ के लिए माफियाओं से भिड़े मुसलमान
जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर में हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल एक बार फिर देखने को मिली है। लोगों की पहुंच से दूर हरि पर्बत में प्राचीन हनुमान मंदिर 90 के दशक से है। कई बार इस पर कब्जाने के प्रयास किए गए लेकिन स्थानीय मुस्लिम इस मंदिर के रखवाले बनकर डटे रहे। लोगों के मुताबिक इसके आसपास की 10 नहरों की जमीन पर अतिक्रमण करने के लगातार प्रयास होते रहते हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, काथी दरवाजा के निवासी डॉ.मुश्ताक खान ने बताया कि मंदिर की जमीन पर शुक्रवार को भी कब्जा करनी कोशिश की गई। जमीन माफिया टीन और टिम्बर ले आए और प्लॉट के आसपास बाउंड्री बनाने लगे। खान ने कहा, इसके बाद कई लोग घटनास्थल पर गए और मुख्यमंत्री की शिकायत सेल और प्रशासन को इसकी खबर दे दी।
उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर मौजूद लोगों के पास कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति का लेटर था। (यह कश्मीरी पंडितों की संस्था है, जो घाटी में हिंदू मंदिरों को सुरक्षा देने की मांग कर रही है)। इसमें लिखा था कि क्षेत्र में निर्माण कार्य होने दिया जाए। लेकिन बाद में यह धोखाधड़ी साबित हुई।
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श्रीनगर के जिला कमिश्नर सैयद आबिद रशीद शाह ने कहा कि कंस्ट्रक्शन मटीरियल को तुरंत सीज कर एक आरोपी को घटनास्थल से ही गिरफ्तार कर लिया गया और मामले की जांच चल रही है।
उन्होंने कहा कि धार्मिक ढांचे के आसपास की जमीन पर कोई अतिक्रमण न हो, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि ऐसे मामलों की जानकारी उन्हें जरूर दें।
स्थानीय लोगों ने कहा कि पिछले कई वर्षों से सरकारी जमीन पर कब्जा कर उन्हें बेच दिया गया है। इस हनुमान मंदिर में कोई पुजारी या महंत नहीं है और स्थानीय लोग ही इसकी देखरेख कर रहे हैं। केपीएसएस के अध्यक्ष संजय टिकू ने कहा कि संस्था ने श्रीनगर में प्रशासन से मंदिर के आसपास बाड़े लगाने की मांग की थी, लेकिन उन्होंने इसके लिए किसी को नहीं भेजा।
टिकू ने कहा कि हाई कोर्ट ने भी राज्य सरकार को हिंदू मंदिरों से अतिक्रमण रोकने का आदेश दिया था, लेकिन फिर भी ऐसी घटनाएं आए दिन हो रही हैं। उनके मुताबिक घाटी में 257 हिंदू मंदिर, धार्मिक स्थल और आश्रम हैं। इनमें से 150 पर अतिक्रमण कर कई बार बेचा गया है और प्रशासन को इसकी खबर तक नहीं है।