बेहद नमकीन है हल्दीराम की कथा, सुनकर आंखे बाहर आ जाएंगी

नमकीन है हल्दीरामनई दिल्ली। देशभर में प्रसिद्ध हल्दीराम एक ऐसा ब्रांड है जिसके मार्केट में करीब 100 से ज्यादा प्रोडक्ट्स हैं। नमकीन से लेकरप मिठाई तक हर जगह हल्दीराम का बोलबाला है लेकिन इसके पीछे दशकों की महनत छिपी है । ऐसी मेहनत जिसे सुनकर छोटे कारोबारियों को प्रेरणा लेनी चाहिए।

हल्दीराम की शुरुआत राजस्थान में बीकानेर में नमकीन की दुकान के रुप में हुई थी। वहीं हल्दीराम, नागपुर के चेयरमैन, एमडी शिवकिशन अग्रवाल का कहना है कि दादा जी के कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने 1970 में पहला स्टोर नागपुर में और दूसरा स्टोर सन् 1982 में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में खोला। इसके बाद हल्दीराम को कोलकाता में कारोबार का विस्तार शुरू हो गया।

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बता दें कि सन् 2000 तक हल्दीराम एक बहुत बड़ा ब्रैंड बन चुका था और 2016 में कंपनी की कमाई 13 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 4000 करोड़ रुपए के पार पहुंच गई है। लेकिन एक अमेरिकी फूड रेग्युलेटर यूएएफडीए ने हल्दीराम के पैकेट बंद प्रोडक्ट्स में कीटनाशक और नुकसानदायक बैक्टीरिया होने की बात कहते हुए बैन लगा दिया। हालांकि इसका भारतीय और दुनियाभर के अन्य देशों में कोई खास फर्क नहीं पड़ा।

हल्दीराम की आय पर एक नजर

कंपनी रिसर्च प्लैटफॉर्म टॉफलर के डेटा के मुताबिक, हल्दीराम स्नैक्स ऐंड एथनिक फूड्स का उत्तरी भारत में रेवेन्यू 2136 करोड़ रुपए रहा।

इसके अलावा पश्चिमी और दक्षिण के बाजारों में सप्लाइ करने वाली हल्दीराम फूड्स इंटरनैशनल की सालाना बिक्री 1613 करोड़ रुपए रही।

इसी तरह, पूर्वी मार्केट में फोकस करने वाली बहुत ही छोटे साइज वाली कंपनी हल्दीराम भुजियावाला का रेवेन्यू 2016 में 298 करोड़ था।

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