प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को गुजरात के सबसे बड़े दैनिक समाचार पत्र ‘गुजरात समाचार’ के सह-मालिक बहुबाली शाह को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है, जिसमें कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर आलोचनात्मक आवाजों को दबाने का आरोप लगाया है।

15 से अधिक व्यावसायिक संस्थाओं से जुड़े बहुबाली शाह को उनके ठिकानों पर कई छापेमारियों के बाद हिरासत में लिया गया। शाह, लोक प्रकाशन लिमिटेड के निदेशकों में से एक हैं, जो गुजरात समाचार अखबार और जीएसटीवी चैनल का प्रकाशन करता है। उनके बड़े भाई श्रेयांश शाह अखबार के प्रबंध संपादक हैं। गिरफ्तारी के बाद शाह की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। ईडी ने अभी तक गिरफ्तारी के कारणों पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
विपक्ष का हमला
शाह की गिरफ्तारी ने गुजरात में सियासी हलचल मचा दी है। कांग्रेस और आप ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए इसे मीडिया को डराने और चुप कराने की कोशिश बताया।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसे बीजेपी की स्वतंत्र मीडिया को झुकाने की साजिश करार दिया। उन्होंने X पर लिखा, “गुजरात समाचार बिना डर के मोदी-बीजेपी शासन की आलोचना करता है। मालिक बहुबाली शाह की ईडी गिरफ्तारी बीजेपी का तरीका है स्वतंत्र मीडिया को सरकार की लाइन में लाने का।”
आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी बीजेपी की आलोचना की और इसे “हकीकत बोलने वाली आवाजों को चुप कराने की हताशा” बताया। उन्होंने कहा, “पिछले 48 घंटों में गुजरात समाचार और जीएसटीवी पर आईटी और ईडी की छापेमारी, और फिर मालिक बहुबाली भाई शाह की गिरफ्तारी – यह सब संयोग नहीं है। यह बीजेपी की हताशा का संकेत है, जो सच बोलने और सवाल उठाने वाली हर आवाज को दबाना चाहती है। देश और गुजरात के लोग इस तानाशाही का जल्द जवाब देंगे।”
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी इस गिरफ्तारी पर तंज कसते हुए कहा, “कल देर रात ईडी ने गुजरात समाचार के बहुबाली भाई शाह को गिरफ्तार किया। 93 साल पुराना यह अखबार सत्ता विरोधी आवाज रहा है। जो लोग हिम्मत करके कहते हैं कि ‘राजा नंगा है’, उनका यही हश्र होता है।”