गुजरात चुनाव में धोराजी सीट हार्दिक के लिए अहम, साख बचाने का भरसक प्रयास जारी
नई दिल्ली। वैसे तो सभी राजनीतिक पार्टियों की नज़रें 09 और 14 दिसंबर को होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों पर टिकी हुई हैं। पर यह चुनाव खासकर पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) पार्टी के नेता हार्दिक पटेल के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। वजह यह है कि धोराजी विधानसभा सीट से हार्दिक के प्रमुख सहयोगी ललित वसोया कांग्रेस के टिकट पर मैदान मारने का दम भर रहे हैं।
ख़ास यह है कि धोराजी एकमात्र विधानसभा सीट है जहां से कांग्रेस ने हार्दिक पटेल की अगुवाई वाले पीएएएस नेता वसोया को मैदान में उतारा है।
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खबरों के मुताबिक़ इस सीट पर वसोया का मुकाबला भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व लोकसभा सदस्य हरीलाल पटेल के साथ है।
राजकोट जिले के इस निर्वाचन क्षेत्र में पाटीदारों की बड़ी संख्या है, लेकिन मुस्लिम और दलित भी काफी संख्या में हैं। यह सीट पारंपरिक रूप से कांग्रेस का एक मजबूत गढ़ रही है।
गौरतलब है कि इस बार धोराजी सीट पर पाटीदार और दलित मुद्दों से अधिक प्रभावी मसला स्थानीय विकास का है।
ध्यान रहे, धोराजी शहर में भूमिगत सीवेज प्रणाली अधूरी है। सड़कें भी अच्छी हालत में नहीं हैं। किसानों के लिए कपास और मूंगफली जैसी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य हासिल करना बड़ी दिक्कत का सवाल है।
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इसी कारण पीएएएस नेता अपने धुआंधार प्रचार में खासकर स्थानीय मसलों पर जोर देकर मतदाताओं का ध्यान खींचने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए पटेल समुदाय के दिग्गज नेता विट्ठल रदादिया पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर पांच बार इस सीट से विधायक चुने गए थे। फिलहाल, रदादिया इस समय लोकसभा में पोरबंदर से भाजपा सांसद हैं।
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