GST काउंसिल की बैठक ने दिवाली से पहले व्यापारियों के जख्मों पर लगाया मरहम

GST काउंसिल की बैठकनई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में चली GST काउंसिल की बैठक में कई राज्यों के मंत्रियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में जीएसटी के लागू होने के बाद से ही छोटे व्यापारियों के सामने आ रही दिक्कतों पर विस्तार पूर्वक विचार विमर्श किया गया। बैठक के बाद जेटली ने बताया कि इस बैठक में जीएसटी के असर और अनुभवों के साथ साथ निर्यातकों के रिफंड पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।

मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि हमने फैसला लिया है कि निर्यातकों को जल्द से जल्द जुलाई-अगस्त का रिफंड दिया जाएगा। इस रिफंड में 10 अक्टूबर से जुलाई का तो 18 अक्टूबर से अगस्त का रिफंड शुरू होगा। इसके साथ ही साथ वित्त मंत्री ने बताया कि जल्द ही हर निर्यातक के लिए ई-वालेट बनेगा। जिसकी व्यवस्था अप्रैल 2018 से शुरू होगी।

वहीं अब व्यापारियों को 31 मार्च 2018 तक रिवर्स चार्ज नहीं देना होगा। यही नहीं इसके साथ ही साथ सर्राफा कारोबारियों को भी बड़ी राहत दी गई है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि अब सर्राफा व्यापारियों को दो लाख तक की खरीदारी पर अपना पैन नहीं देना होगा। इसके साथ ही साथ उनके द्वारा दाखिल किए जाने वाले रिटर्न की अवधि को भी त्रैमासिक कर दिया गया है।

वहीं कंपाउंडिग डीलरों को भी दूसरे राज्यों में माल बेचने का अधिकार दे दिया गया है और इसी के साथ इनपुट सब्सिडी का लाभ भी देने के मामले पर निर्णय लिया गया है। इस स्कीम के तहत 75 लाख तक के टर्न ओवर की सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ कर दिया गया है। वहीं ऐसे कारोबारी 3 महीने पर बिक्री का कुल 1 फीसदी जमा कर रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। इसके साथ ही एसी रेस्‍टोरेंट में खाना भी सस्‍ता हो सकता है। बाहर खाना खाने पर 18 प्रतिशत के बजाय 12 प्रतिशत टैक्‍स रेट हो सकती है। वहीं जेटली ने बताया कि 27 वस्तुओं पर जीएसटी की दर भी कम की गई है।

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