छोटी बचत वालों को झटका, सरकार ने चलाई कैंची, जानिए 10 बातें

छोटी बचतनई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को आम लोगों की बचत में चपत लगाते हुए नेशनल सेविंग स्कीम (एनएससी) और पीपीएफ सहित कई छोटी बचत योजनाओं के ब्याज में 0.2 फीसदी की कटौती कर दी है। यह कटौती जनवरी से मार्च 2018 तक के लिए है।

हालांकि पांच साल के सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम पर ब्याज दर 8.3 फीसदी बरकरार रहेगी। सीनियर सिटीजंस को तिमाही आधार पर ब्याज मिलता है।

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फाइनेंस मिनिस्ट्री के नोटिफिकेशन के मुताबिक, एनएससी, सुकन्या समृद्धि योजना, किसान विकास पत्र (केवीपी) तथा पीपीएफ जैसी योजनाओं पर ब्याज दरें घटा दी गई हैं। हालांकि सेविंग्स एकाउंट पर 4 फीसदी ब्याज मिलता रहेगा।

बता दें कि फाइनेंस मिनिस्ट्री के नोटिफिकेशन के मुताबिक पीपीएफ और एनएससी पर  7.6 फीसदी ब्याज मिलेगा। जबकि किसान विकास पत्र पर 7.3 ब्याज मिलेगा। किसान विकास पत्र 11 महीनों में मेच्योर होगा। सुकन्या समृद्धि खाते पर ब्याज दर 8.1 फीसदी हो जाएगी। अभी तक यह 8.3 फीसदी था।

छोटी बचत जमाओं पर ब्याज दर में कटौती

-एक से पांच साल की अवधि के लिए मियादी जमा पर ब्याज दर 6.6 से 7.4 प्रतिशत होगी। यह ब्याज तिमाही आधार पर मिलेगा।

-प्रत्येक तिमाही ब्याज दर निर्धारित किये जाने की घोषणा करते हुए मंत्रालय ने कहा था कि लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें सरकार के बांड के रिटर्न से जुड़ी होगी।

-अधिसूचना के मुताबिक पीपीएफ तथा एनएससी पर ब्याज दर 7.6 प्रतिशत मिलेगी जबकि केवीपी पर 7.3 प्रतिशत होगी और यह 11 महीने में परिपक्व होगा।

-बालिकाओं से जुड़ी बचत योजना सुकन्या समृद्धि खाते पर ब्याज दर 8.1 प्रतिशत होगी, जो अभी 8.3 प्रतिशत है।

-पिछले वर्ष अप्रैल से लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में तिमाही आधार पर बदलाव किया जा रहा है।

-वहीं आवर्ती जमा पर ब्याज दर 6.9 प्रतिशत होगी।

-हालांकि, बचत जमा पर ब्याज दर को सालाना 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है।

-वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी), सुकन्या समृद्धि योजना, किसान विकास पत्र (केवीपी) तथा पीपीएफ जैसी योजनाओं पर ब्याज दर कम की गई हैं।

-मंत्रालय ने 2017-18 की चौथी तिमाही के लिए ब्याज दर को अधिसूचित करते हुए कहा, ‘सरकार के फैसले के आधार पर लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जाता है।’

-इस कदम के बाद बैंक अपनी जमाओं पर ब्याज दर में कमी कर सकते हैं।

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