चीफ जस्टिस बनते ही ‘ऐक्शन’ में गोगोई, कह दी ऐसी बात जिसे जानना है बेहद जरूरी

नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने बुधवार को यहां कहा कि वह आने वाले महीनों में 2.6 करोड़ मामलों के निपटारे के लिए अधीनस्थ न्यायपालिकाओं में 5,000 रिक्तयों को भरने पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे। न्यायमूर्ति गोगोई को प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किए जाने पर उन्हें सम्मानित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन(एससीबीए) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही।

धान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई

न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, “अधीनस्थ न्यायालयों में रिक्तियों को भरने के मामले को देखा जाएगा। हम इसे तीन-चार महीनों के अंदर करने का प्रयास कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि “सिर्फ रिक्तियां भरने से समस्या का समाधान नहीं हो जाएगा, यह समाधान है, लेकिन समस्या का संपूर्ण समाधान नहीं है। समाधान सही लोगों के चुने जाने में है और यह तब होगा, जब पद अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखेगा।”

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “आप न्यायाधीशों के सेवानिवृत्ति की उम्र को बढ़ा सकते हैं और जितना चाहे उनका वेतन बढ़ा सकते हैं। लेकिन इससे समस्या का समाधान तबतक नहीं होगा, जबतक संस्थान की प्रतिष्ठा नहीं बनी रहेगी।”

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सर्वोच्च न्यायालय के नए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने बुधवार को आवश्यक मामलों की सुनवाई तत्काल करने की परंपरा को अस्थायी रूप से समाप्त कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए मानक तय किए जा रहे हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इससे पहले न्यायमूर्ति गोगोई को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

एक वकील उनकी नियुक्ति को लेकर उन्हें बधाई देने पहुंचा, जिसपर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “चलिए आगे बढ़ते हैं। इसकी कोई जरूरत नहीं है।”

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न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, “बुधवार और गुरुवार को मामले सूचीबद्ध नहीं होंगे। हम इसके लिए मानक पर काम कर रहे हैं।”

न्यायमूर्ति गोगोई प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश बने हैं।

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