गोवा : सरकारी फॉर्म पर दीनदयाल उपाध्याय के मोनोग्राम पर कड़ी आपत्ति

पणजी। गोवा में कांग्रेस ने राज्य सरकार के खान एवं भूविज्ञान निदेशालय द्वारा जारी आधिकारिक फॉर्म पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के मोनोग्राम को अलंकृत करने के फैसले के खिलाफ आपत्ति जताई है।

दीनदयाल उपाध्याय

पणजी में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष शांताराम नाइक ने कहा कि ‘उपाध्याय भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के कटु आलोचक थे और गोवा में रहने वाले मुस्लिम और इसाईयों के प्रति उनके विचार कठोर थे, जो भारतीय संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन है।’

नाइक ने कहा, “भाजपा सरकार द्वारा खान एवं भूविज्ञान निदेशालय के आधारिक फॉर्म पर दीनदयाल उपाध्याय का मोनोग्राम प्रकाशित करवाना एक विश्वासघाती कदम है। उनका (उपाध्याय का) मानना था कि व्यक्तिवाद, लोकतंत्र, समाजवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि वे मूल भारतीय विचारों के विस्तार के विकास के लिए एक बड़ी बाधा बन गए हैं।”

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उन्होंने कहा, “दिवगंत पंडित दीनदयाल उपाध्याय का यह विचार भारत के संविधान पर प्रत्यक्ष हमला है और इस तरह से सरकारी फॉर्म पर राज्य चिन्ह के साथ उपाध्याय के मोनोग्राम प्रकाशित करना संविधान के निर्माताओं को धोखा देना होगा।”

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कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष ने यह भी कहा, “दिवगंत भाजपा विचारक ने बार बार कहा था कि अगर मुस्लिम और ईसाई भारत में रहना चाहते हैं तो उन्हें अपनी अलग पहचान को भूलना होगा और हिंदू धर्म से जुड़ना होगा अन्यथा उन्हें दास माना जाएगा।”

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