विघ्नहर्ता के ये बारह नाम हर लेंगे सारे दुख, पूरी होंगी सभी इच्छाएं  

गणपति जीगणेश चतुर्थी का उत्सव उनके भक्तों ने धूमधाम से मनाया. अगले बरस आने के वादे के साथ उनको विदा दी गई. गणपति जी की पूजा किसी भी शुभ काम में सबसे पहले की जाती है. उनकी महिमा के बारे में सभी जानते हैं. बप्पा की महिमा का वर्णन समर्पित ग्रंथ श्री गणेश अंक में किया गया है. उनके पूरे जीवन का विस्तार से वर्णन किया गया है.

इस ग्रंथ में कई ऐसे उपाय भी बताए गए, जिसे अपनाने से जीवन के कई दुखों का अंत हो सकता है और सारा जीवन हंसी-ख़ुशी बीत सकता है. इन उपायों को दैनिक जीवन ने अपनाने से दुखों का नाश और सुख-शांति का आगमन होता है.

इसी ग्रंथ में बप्पा के 12 नामों का उल्लेख मिलता है, जो व्यक्ति रोज गणेश जी के इन बारह नामों का स्मरण अथवा जाप करता है. उसके जीवन में कभी कोई अभाव नहीं रहता. विघ्नहर्ता उसे हर तरह की परेशानी से मुक्त कर देते हैं.

इन सभी नामों का जप और सुन किसी भी संकट के वक्त कर सकते हैं. भक्तों की कैसी भी इच्छा हो गणेश जी पूरी जरुर करते हैं. विद्या, धन, संतान और स्वास्थ्य को लेकर सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. इसके अतिरिक्त जीवन में आने वाली अड़चनों और संकटों से छुटकारा मिलता है.

श्लोक: प्रथमं वक्रतुण्ड च एकदन्तं द्वितीयकम्, तृतीयं कृष्णपिड्गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्।। लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च, सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम्।। नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम्, एकादशं गणपतिं द्वादर्श तु गजाननम्।। द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः, न च विध्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं परम्।।

अर्थ: पहला नाम है वक्रतुण्ड, दूसरा एकदन्त, तीसरा कृष्णपिड्गाक्ष, चौथा गजवक्त्र, पांचवां लम्बोदर, छठा विकट, सातवां विघ्नराजेन्द्र, आठवां धूमवर्ण, नौवां भालचन्द्र, दसवां विनायक, ग्यारहवां गणपति और बारहवां नाम गजाजन है.

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