भारत का एकमात्र बिना नींव वाला किला, तीन तरफ से नदियों से घिरे जलदुर्ग की जानें खासियत

राजस्थान के झालावाड़ का ऐतिहासिक गागरोन जलदुर्ग (Gagron Jal Durg) वर्ल्ड हेरिटेज (World Heritage) की सूची में भी शामिल है।
यह किला अब तक के 14 युद्धों में भी अजेय रहा है। जिसकी वजह इसकी भौगोलिक स्थिति है। खड़ी नुकीली चट्टान पर बिना नींव के बना यह किला अपनी तरह का एकमात्र अनोखा और अद्भुत किला है।

यह किला तीन तरफ से कालीसिंध व आहू नदी से घिरा हुआ जिसके कारण इसे जल दुर्ग भी कहते हैं।यह किला 340 मीटर ऊंचाई पर 1 किमी लंबा व 350 मीटर चौड़ाई में बना हुआ है। यहां हजारों पर्यटक सालभर में आते हैं।

इस किले का निर्माण डोड राजा बीजलदेव ने 12वीं सदी में कराया था। उसके बाद लंबे समय तक यहां खींची राजाओं का शासन रहा।
गागरोन किले का भारत के सामरिक व रणनीतिक रूप से इतना महत्व था कि यह दिल्ली से मालवा और गुजरात से मेवाड़ के बीच एकमात्र ऐसा किला था कि इसे जीते बिना पूरे मध्य व पश्चिम भारत पर कब्जा करना बेहद मुश्किल समझा जाता था।

इसीलिए इसे गुजरात- मेवाड़- मालवा व हाड़ौती का केंद्र बिंदु कहा जाता था। गागरोन दुर्ग समूचे उत्तर भारत का एकमात्र जलदुर्ग है।

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