साल 2022 में शुरू ‘गगनयान’ मिशन, दो मानवरहित उड़ानें होंगी जनवरी में रवाना

केंद्रीय अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार गगनयान मिशन के तहत जनवरी में दो मानवरहित उड़ानें अगले साल तक रवाना होंगी। वहीं साल 2023 में इंडियन क्रू को ले जाने वाली तीसरी उड़ान रवाना होगी। जितेंद्र सिंह के मुताबिक भारत की प्रथम भारतीय क्रू को ले जाने वाली उड़ानें आजादी के 75 साल पूरे होने पर अगले साल 15 अगस्त को जाने वाली थीं। इसकी घोषणा साल 2018 में  प्रधानमंत्री मोदी ने की थी। लेकिन, सिस्टम, सबसिस्टम के निर्माण और ट्रायल में देरी कोरोना वायरस महामारी के चलते हुई। इसके साथ ही क्रू की ट्रेनिंग पर भी काफी असर पड़ा, जिसके कारण मिशन में देरी हो गई।

जितेंद्र सिंह ने कहा समुद्र और अंतरिक्ष मिशन साथ चलाने की योजना

जितेंद्र सिंह को उम्मीद हैं कि “मानवयुक्त उड़ान देश के गहरे समुद्र में मिशन के साथ मेल खाए। समय ऐसा होना चाहिए कि हम एक आदमी को अंतरिक्ष में भेज दें और साथ ही एक आदमी को समुद्र में 5,000 मीटर नीचे भेज दें।” उन्होंने कहा कि “गहरे समुद्र में खोज अभियान थोड़ा पीछे चल रहा था, लेकिन अब यह गति पकड़ चुका है और हम पहले ही एक मॉड्यूल का परीक्षण कर चुके हैं।”

अक्तूबर के अंत में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के समुद्रयान मिशन के तहत विकसित एक मॉड्यूल चेन्नई तट से 600 मीटर गहराई में जाकर डूब गया था। इस बार इंसानों के साथ मिशन को भेजने से पहले एक मानव रहित मॉड्यूल का परीक्षण 5000 मीटर से ज्यादा की गहराई पर किया जाएगा। मंत्री के मुताबिक “हमारा मानव रहित वाहन अब जाने के लिए तैयार है। मानव रहित मिशन के लगभग डेढ़ साल या डेढ़ साल बाद हम इंसानों को भेजने के लिए तैयार होंगे।”

भारत पिछड़ा अंतरिक्ष मिशन में-

कोरोना महामारी के चलते भारत के अंतरिक्ष मिशन पर बुरा असर पड़ा है। पिछले दो वर्षों में भारत ने केवल चार लॉन्च मिशन किए हैं। इसके मुकाबले चीन ने इस साल ही कम से कम 40 मिशनों को अंजाम दे दिया है और एक वैश्विक रिकॉर्ड बनाया है।

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