यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन के पूर्व सचिव और बेटे को हुई जेल की सजा, ये है पूरा मामला

लखनऊ की एक विशेष अदालत ने उत्तर प्रदेश बैडमिंटन एसोसिएशन के पूर्व सचिव डॉ. विजय सिन्हा को एसोसिएशन से जुड़े खिलाड़ियों के यौन और मानसिक उत्पीड़न के आरोपों से जुड़े 2017 के एक मामले में पांच साल और उनके बेटे निशांत सिन्हा को सात साल की जेल की सजा सुनाई।

निशांत पर उस समय अवैध और अनाधिकृत रूप से यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन के कार्यवाहक सचिव का पद संभालने का भी आरोप लगाया गया था। विशेष वकील अभिषेक उपाध्याय ने कहा, “पोक्सो अदालत के फैसले के बाद, विजय सिन्हा और उनके बेटे निशांत सिन्हा, जो जमानत पर बाहर थे, को हिरासत में ले लिया गया और जेल भेज दिया गया।”

विजय सिन्हा और उनके बेटे निशांत सिन्हा के खिलाफ विशेष रूप से महिला खिलाड़ियों की शिकायतों के आधार पर 21 फरवरी, 2017 को लखनऊ के एक पुलिस स्टेशन में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।

अदालत ने अभियोजन पक्ष के नौ और बचाव पक्ष के एक गवाह से पूछताछ की। अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह मामला लखनऊ स्थित बाबू बनारसी दास यूपी बैडमिंटन अकादमी के तत्कालीन मुख्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन की कार्यकारी समिति द्वारा 12 फरवरी, 2017 को पारित प्रस्ताव के आधार पर दर्ज किया गया था।

निशांत पर अपने पिता के पद और शक्ति का दुरुपयोग करके खिलाड़ियों का शारीरिक और मानसिक शोषण करने का आरोप था। कथित तौर पर वह अपने पिता के पूर्ण समर्थन और संरक्षण में विभिन्न उद्देश्यों के लिए ‘अनापत्ति प्रमाण पत्र’ जारी करने के लिए धन एकत्र कर रहा था।आरोपों की जांच के लिए यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन ने एक सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग गठित किया। जांच आयोग ने 23 जनवरी, 2017 को सौंपी अपनी रिपोर्ट में आरोपियों के खिलाफ आरोपों को सही पाया और कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की। खिलाड़ियों की सभी शिकायतों और जांच रिपोर्ट को बैडमिंटन एसोसिएशन ने सुरक्षित रख लिया।

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