
आगरा जिले में उटंगन और यमुना नदियों के उफान ने भारी तबाही मचाई है। धौलपुर के आंगई (पार्वती) बांध से छोड़े गए पानी के कारण उटंगन नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे बाह-पिनाहट क्षेत्र के चार गांवों—सेहा, तोड़ा, सीयपुरा और शाहपुर खालसा—का तहसील मुख्यालय फतेहाबाद से संपर्क कट गया है।

तोड़ा गांव का पुल 7 फीट ऊपर तक पानी में डूब गया है, और कच्चे रास्तों पर भी पानी भर गया है। खेतों, रास्तों और मंदिरों तक पानी पहुंचने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
कछार और तराई क्षेत्रों की फसलें पहले ही बर्बाद हो चुकी हैं, और अब उटंगन के उफान से बाजरा, तिल और सब्जियों की फसलों को और नुकसान का खतरा बढ़ गया है। तोड़ा के प्रधान नेमीचंद ने बताया कि तराई के खेतों में पानी भरने से किसान चिंतित हैं। उटंगन के किनारे बसे तोड़ा, सेहा, अरनोटा, गुरावली, सेरब, सबोरा, बीधापुरा, बसई अरेला, बसई भदौरिया, कांकरखेड़ा, मानिकपुरा, पिढौरा, कौंध और रीठई जैसे गांव प्रभावित हैं। बाह के एसडीएम हेमंत कुमार ने कहा कि प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है, और आबादी क्षेत्र अभी सुरक्षित है।
यमुना का बढ़ता जलस्तर, मंदिर और रास्ते जलमग्न
बाह के रीठई गांव में उटंगन और यमुना के संगम पर उटंगन का पानी मिलने से यमुना का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है। पिछले दो दिनों में राहत के बाद अब यमुना का पानी बड़ापुरा, विक्रमपुर, चरीथा, गगनकी और कचौराघाट तक पहुंच गया है। विक्रमपुर में तराई की झोपड़ियों से लेकर मंदिर तक पानी भर गया है, और कचौराघाट में शिव मंदिर की सीढ़ियों से होकर नदी बह रही है। तराई के गांवों के कच्चे रास्तों पर पानी और कीचड़ ने आवागमन ठप कर दिया है। रानीपुरा, भटपुरा और गोहरा गांवों की सड़क की पुलिया पर पानी जमा होने से इनका संपर्क भी कटा हुआ है।
चंबल में बाढ़ से 12 हजार लोग प्रभावित
चंबल नदी में बाढ़ ने बाह तहसील के 18 गांवों की 12 हजार आबादी को संकट में डाल दिया है। पिछले महीने की बाढ़ में 3,000 एकड़ से अधिक रकबे में बाजरा, तिल और सब्जियों की फसलें नष्ट हो गई थीं। हालांकि, चंबल का जलस्तर दो दिनों में 6 मीटर घटकर 124.30 मीटर पर पहुंच गया है, लेकिन कछियारा, रेहा, डगोरा, झरनापुरा और गुढ़ा जैसे गांवों के रास्तों पर कीचड़ और दलदल बाधा बने हुए हैं। खादर और खेतों में 6 से 8 मीटर पानी अभी भी जमा है।
बिजली और मोटरबोट की समस्या
रानीपुरा, भटपुरा, गोहरा, गुढ़ा, रेहा, डगोरा और कछियारा में कीचड़ के कारण बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी है। कैंजरा और पिनाहट घाट पर पांचवें दिन भी मोटरबोट सेवा शुरू नहीं हुई। सिमराई के प्रधान जयवीर सिंह और रेहा के प्रधान अजय कौशिक ने बिजली बहाली की मांग की है। खेड़ा राठौर के प्रधान विजय ने बताया कि सड़कों पर पानी और कीचड़ ने आवागमन को मुश्किल कर दिया है।
प्रशासन का रुख और राहत कार्य
एसडीएम हेमंत कुमार ने बताया कि चंबल का जलस्तर घट रहा है, और रास्ते साफ होने के बाद फसलों और घरों के नुकसान का आकलन किया जाएगा। प्रशासन ने ग्रामीणों से नदियों के किनारे से दूर रहने की अपील की है। मौसम विभाग ने 29 अगस्त से तीन दिन भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। ग्रामीणों ने फसल नुकसान के लिए मुआवजे और स्थायी बाढ़ नियंत्रण उपायों की मांग की है।