महिला मुक्केबाजी: पांच भारतीय विश्व यूथ चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में

महिला मुक्केबाजीगुवाहाटी। भारत ने एआईबीए महिला विश्व यूथ मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में बुधवार को अपने पांच कांस्य पदक पक्के कर लिए हैं। भारत की तरफ से स्थानीय खिलाड़ी अंकुशिता बोरो, शशि चोपड़ा, साक्षी, नीतू और ज्योति ने सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। सुबह खेले गए मुकाबले में निहारिका गोनेला ने हालांकि पदक जीतने के मौके को गंवा दिया। उन्हें इंग्लैंड की जॉर्जिया ओ कोनोर ने मात दी।

अमेरिका की हेवन गर्सिया का हारना दिन का सबसे बड़ा उल्टफेर रहा। उन्हें काजाकिस्तान की झांसाया अबड्राइमोवा ने फ्लाइवेट कैटेगरी में मात दी।

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अंकुशिता को उनके परिवार का समर्थन मिला। उनकी बहन और गांव के लोगों की आंखों में उस समय आंसू आ गए जब उन्हें विजेता घोषित किया गया। उन्होंने रेबाका निकोली को मात दी जिन्होंने सोफिया, बुल्गारिया में अंकुशिता को 5-0 से हराया था।

वह हालांकि बंटे हुए फैसले से निराश दिखीं, लेकिन उन्हें इस बात की खुशी थी कि वह अगले दौर में जा रही हैं और उन्होंने अपनी हार का बदला भी ले लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने इतने कड़े मुकाबले की उम्मीद नहीं की थी। मैं जीत को लेकर आश्वस्त थी।”

भारत के हाई परफॉमेंस कोच राफेल बगार्मास्को शशि और ज्योति की जीत के बाद काफी खुश दिखे। उनके चेहरे पर खुशी साफ देखी जा सकती थी। दोनों को सर्वसम्मति से विजेता घोषित किया गया।

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फ्लाइवेट में ज्योति ने भारत की सेमीफाइनल में जाने की राह खोली। इटली की माचेर्से गियोवाना को काफी देर से ज्योति के बेहतरीन खेल का अंदाजा हुआ। भारतीय खिलाड़ी ने अपने हुक और जैब से उन्हें पूरी तरह से बैकफुट पर धकेल दिया था।

ज्योति आसानी से अपने लक्ष्य पर निशाना साध रही थीं और उसके बाद डबल और ट्रिपल पंच मारते हुए उन्होंने अपने आप को खतरे से बाहर निकाल लिया था। ज्योति ने जीत के बाद कहा, “कोच ने मुझे रिंग में चलते-फिरते रहने को कहा था। साथ ही उन्होंने मुझे जैब और 1-2 का कोम्बो लगातार उपयोग में लाने की सलाह दी थी। जब मेरी विपक्षी खिलाड़ी ने मुझे दूसरे और तीसरे राउंड में पकड़ा तो उन्होंने मुझे उसके पेट पर मारने को कहा जो मैंने किया और मुझे जीत मिली।”

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54 किलोग्राम भारवर्ग के मुकाबले में साक्षी ने चीन की शिया लू को आसानी से मात दी। उन्होंने लू पर शुरू से लगातार हमले किए जिससे चीन की खिलाड़ी कमजोर पड़ गईं। रेफरी ने तीन मौकों पर गिनती की और दूसेर राउंड में मुकाबले का अंत किया।

वहीं शशि चोपड़ा ने 57 किलोग्राम भारवर्ग में कजाकिस्तान की अबिलखान सांडूगाश को 5-0 से मात देते हुए अंतिम चार में प्रवेश किया। नीतू जर्मनी की मैक्सी क्लोट्जर के खिलाफ 45-48 किलोग्राम भारवर्ग में हमेशा उन पर हावी रहीं। तीनो राउंड में उन्होंने अपना दबदबा बनाए रखा।

दिन का सबसे शानदार मुकाबला चीन की सेलिंग हू और रूस की वालेरिया रोडिओनोवा के बीच 57 किलोग्राम भारवर्ग में देखने को मिला। इस मुकाबले में इन दोनों खिलाड़ियों ने बेहतरीन ताकत, फुटवर्क और स्पीड का बेहतरीन प्रदर्शन किया। हालांकि वालेरिया अपनी विपक्षी से मजबूत साबित हुईं।

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भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, “भारतीय मुक्केबाजी के लिए यह अच्छा दिन रहा। हमने हमारे मुक्केबाजों को सेमीफाइनल में जाते देखा जो हमारे लिए बड़ी उपलब्धी है। इन्होंने जिस तरह यहां प्रदर्शन किया है वो बताता है कि इन खिलाड़ियों में कितनी प्रतिभा है। साथ ही बताता है कि हमारे कोचिंग स्टाफ ने इनके ऊपर कितनी मेहनत की है। मैं पूरे दल को बधाई देता हूं और बचे हुए मुकाबलों के लिए उन्हें शुभकामाएं देता हूं।”

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