मिला अंतरिक्ष का सबसे तेज ग्रह, सात घंटे में खत्म हो जाता है एक साल

केपलर टेलिस्कोपनई दिल्ली : धरती के अलावा कहीं और बसने की बातें तो चला ही करती हैं। कई बार ये बात उठती है कि हम चांद या मंगल पर 100-200 साल बाद बस्तियां बसा लेंगे। इस पर वैज्ञानिक हमेशा ही किसी नई खोज में लगे रहते हैं। अब एक बार फिर वैज्ञानिकों ने ‘चमत्कार’ किया है। केपलर टेलिस्कोप ने सबसे तेज ग्रह ढूंढ निकाला है।

बीते दिनों ही खबर आई थी कि नासा के केप्लर मिशन ने 20 ऐसे ग्रहों की पहचान की है। जहां जीवन संभव है। जिनकी परिस्थितियां धरती जैसी हैं। इसका मतलब है कि इन पर या तो किसी तरह का जीवन है या वहां जीवित रहा जा सकता है। इनमें से कोई-7923.0 नाम का ग्रह पृथ्वी 2.0 कहा जा रहा है। इस ग्रह पर 395 दिन का साल होता है। यानी कि धरती के दिनों से 30 दिन ज्यादा।

लेकिन अब केपलर टेलिस्कोप ने ऐसा ग्रह ढूंढ निकाला है, जिसमें सात घंटे होते ही साल खत्म हो जाता है। इसे अंतरिक्ष का सबसे तेज प्लेनिट माना जा रहा है। इस ग्रह के ऑर्बिट पीरियड को जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे।

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Phys।org की रिपोर्ट के मुताबिक इस प्लेनिट का ऑर्बिट पीरियड महज 6.7 घंटों के लिए ही होता है। इस प्लेनिट का नाम EPIC 246393474 b है और इस ग्रह का दूसरा नाम C12_3474 b भी है।

यहां रहना काफी मुश्किल

अभी तक पता नहीं चल पाया है कि इस ग्रह में कितने घंटे का एक दिन होगा। वैज्ञानिक डे-टू-इयर के रेशो से पता लगाने में कामयाब हो पाए हैं कि यहां 7 घंटे का एक साल होगा। यहां का वातावरण भी का भी खराब है, ऐसे में यहां रहना मुश्किल है। फिलहाल वैज्ञानिक इस ग्रह पर रिसर्च कर रहे हैं।

निट हंटिंग टेलिस्कोप है केपलर

केपलर को प्लेनिट हंटिंग टेलिस्कोप कहा जाता है। वो अब तक 2300 ग्रह की खोज कर चुका है। अब उसने धरती के पास ही इस ग्रह की खोज की है। 2013 में दो रिएक्शन फेल होने के बाद केपलर ने k2 मिशन की शुरुआत की थी।

वैज्ञानिकों की मानें तो स्टेलर रेडिएशन के चलते यहां का वातावरण पूरी तरह खराब हो चुका है। ये ग्रह इस लिए भी खास है क्योंकि इसे धरती से 5 गुना बड़ा बताया जा रहा है। इस ग्रह में भारी पत्थर हैं जिसमें 70 प्रतिशत आयरल होने की संभावना है।

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