इमोशनल ईटिंग ही है बढ़ते मोटापे की असल वजह

इमोशनल ईटिंग का मतलब है कि भूख ना होते हुए भी मन से खाना या शौक से खाना। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो भूख लगने पर ही खाते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो केवल मन की शांति के लिए ही खाते हैं। मतलब यह कि वो जब खाने को देखते हैं उनका मन खाने से हटता ही नहीं है। खाना हमारी सेहत के लिए जरूरी है मगर जरूरत से ज्यादा खाना भी हमारी सेहत के लिए ठीक नहीं है। इसके कारण आपको केवल मोटापे की समस्या ही झेलनी पड़गी और कुछ नहीं।

इमोशनल ईटिंग

लोग क्यों होते हैं इमोशनल ईटिंग का शिकार

इमोशनल ईटिंग का सीधा मतलब उन लोंगो से जिन लोगों को खाना खाने का काफी शौक होता है। कुछ लोग लालच के कारण बी अधिक खा जाते हैं। कुछ लोग किसी चीज की खुशी में जरूरत से ज्यादा खा जाते हैं। जब आप अपने कुछ करीबियों के साथ होते हैं तो खुशी खुशी में भी ज्यादा का जाते हैं। और भी कई कारमों के कारण लोग खूब सारा खा लेते हैं। कुछ लोग थकान होने पर भी जरूरत से ज्यादा का सकते हैं। वह लोग यह नहीं देखते हैं कि उनको अहार की जरूरत है वह बस अपनी खुशी के कारण ही खाते हैं।

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खतरनाक है इमोशनल ईटिंग

इमोशनल इसलिए भी खतरनाक होती है क्योंकि आप खाते समय केवल इन्जॉय करते हैं यह नहीं सोचते कि आप कितना खा रहे हैं और ज्यादा का रहे हैं। अगर आपने एक बार भी बिना भूख के खा लिया तो आपको बार-बार आपको दिमाग खाने के लिए ही कहेंगा। इस तरह के खाने के बाद आपको गुस्सा भी खूब आता है। लेकिन आपको बाद में भी आपका मन खाने का ही करता है। आप ना चाहते हुए भी बार-बार खाने के लिए आगे बढ़ जाते हैं।

इमोशनल ईटिंग

हो सकते हैं मोटापे का शिकार

जब आप जरूरत से ज्यादा खाना खाते हैं तो आपके शरीर में जितने भी पोषक तत्व पहुंच जाते हैं उनका इस्तेमाल सही से नहीं हो पाता है। लेकिन इसका उलटा जरूर होता है। लोगों को ज्यादा खाने की वजह से गंभीर बीमारी हो जाती है। सबसे ज्यादा तो आपको मोटापे की समस्या हो जाती है। इसी मोटापे के कारण आपको तमाम तरह की परेशानियां भी झेलनी पड़ सकती है।

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बचाव

•सबसे पहले उन चीजों को पहचानें, जो आपको ईमोशनल ईटिंग के लिए उकसाती हैं। अक्सर लोग निगेटिव फील होने पर या खुशी के मौके पर इमोशनल ईटिंग करते हैं।

•सबसे पहले खाने की उन वस्तुओं का पहचाने जिसके कारण और जिन्हें देखकर आपका मन उन्हें खाने का करने लगता है।

•इस तरह के खाने से बचने के लिए एक डायरी बनाएं, जहां पर आप यह लिखें कि आपने पूरे दिन में क्या खाया है।

•कुछ लोग जब अकेले होते हैं तो चलों कुछ खा ही लेते हैं, बस यह सोचकर भी खाने लगते हैं। अगर आप अकेले हैं तो अपने दोस्तों के साथ समय बिताएं, किताबें पढ़ें खुद को जितना हो सके वयस्त रखने की कोशिश करें।

•व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों के लिए समय निकालें। इससे आपको काफी फायदा होगा। इतना ही नहीं ऐसा करने से आपको तनाव से निपटने की शक्ति मिलेंगी।

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