बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से कई शहरों में गहराया संकट, फैक्टरियों में उत्पादन ठप

उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से बड़ा संकट पैदा हो गया है। गोरखपुर और कानपुर की फैक्टरियों में औद्योगिक उत्पादन ठप हो गया। राजधानी लखनऊ की बडी आबादी बिजली संकट की चपेट में आ गई।

ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने हड़ताली कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि लाइन में गड़बड़ी करने वालों को आकाश-पाताल से भी खोज निकाल कर कड़ी कार्रवाई करेंगे। अरविंद कुमार शर्मा ने आपूर्ति को पूरे नियंत्रण में बताते हुए कहा कि प्रदेश में चार हजार मेगावाट सरप्लस बिजली है। हाईकोर्ट इलाहाबाद ने कर्मचारी नेताओं को अवमानना नोटिस जारी किया है।

समिति ने बिजलीकर्मियों पर तोड़फोड़ के आरोपों का कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा कि बिजली कर्मी विद्युत संयंत्रों को अपनी मां की तरह मानते हैं और शांतिपूर्ण ढंग से हड़ताल कर रहे हैं। समिति पदाधिकारियों का कहना है बड़े पैमाने पर 33/11 केवी उपकेंद्रों से आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

संघर्ष समिति ने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन को सीधे तौर पर हड़ताल के लिए उत्तरदाई ठहराते हुए कहा कि बिजलीकर्मी ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते के सम्मान के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। समिति ने दावा किया कि 16 मार्च की रात 10 बजे हड़ताल शुरू होने के बाद उत्पादन गृहों, एसएलडीसी और पारेषण विद्युत उपकेंद्रों की रात्रि पाली में कार्य करने के लिए एक भी बिजलीकर्मी ड्यूटी पर नहीं गया। हड़ताल शत-प्रतिशत सफल रही है।

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